उत्तराखंड

उत्तराखंड उपचुनाव में दोनो सीटों पर जीती कांग्रेस पर भाजपा की ज़ोरदार टक्कर ने उड़ाई कांग्रेसियों की नींद

देहरादून (दस्तक टाइम्स ब्यूरो): उत्तराखंड में मंगलौर व बद्रीनाथ विधानसभा में हुए उपचुनावों के परिणाम आज घोषित हो चुके हैं, जिसमें कांग्रेस ने दोनों ही सीटों पर जीत दर्ज की है। यह लोकसभा चुनाव-2024 में सभी पांचों सीटों पर करारी शिकस्त झेल चुकी कांग्रेस पार्टी के लिए संजीवनी के रूप में देखी जा सकती है। लेकिन क्या कारण है कि दोनों सीटों पर विजयी होने के बावजूद कांग्रेस पार्टी की टेंशन बढ़ गई है ? आइए जानते हैं…

दरअसल, मंगलौर विधानसभा सीट उत्तर प्रदेश की सीमा से लगती है, जहां पर राज्य गठन (वर्ष 2000) के समय से ही बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का प्रभुत्व रहा है। राज्य गठन के बाद से यहां दो बार बसपा का विधायक रहा है। इसके बाद 2012 व 2017 में कांग्रेस से काजी निजामुद्दीन विधायक के रूप में जीतकर आए। प्रारंभ से ही जातीय और धार्मिक ध्रुवीकरण के कारण इस सीट पर भाजपा की उपस्थिति बेहद कमजोर रही है, जो सामान्य वोट प्रतिशत के साथ तीसरे स्थान पर ही रही है। मगर, इस बार उपचुनाव में पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में भाजपा के प्रत्याशी करतार सिंह भड़ाना ने ऐसा उलटफेर किया है जिससे कांग्रेस की नींद उड़ गई है।

चुनाव परिणामों में पहले स्थान पर कांग्रेस के काजी निजामुद्दीन 31710 वोटों के साथ पहले नंबर पर हैं। दूसरे नंबर पर भाजपा के करतार सिंह भड़ाना 31261 वोटों के साथ हैं। विजेता रहे काजी निजामुद्दीन और भाजपा प्रत्याशी भड़ाना के बीच महज 449 वोटों का मामूली अंतर रहा। जबकि, तीसरे स्थान पर बसपा प्रत्याशी उबर्दुर रहमान 19552 वोटों के साथ रहे। इस उपचुनाव में भाजपा जीत से महज एक कदम दूर रही। वहीं, पार्टी वोट में हुई अप्रत्याशित बढ़ोत्तरी से पार्टी हाईकमान खासा उत्साहित है और अब इस सीट पर भी अगले विधानसभा में जीत की प्रबल संभावना देख रहा है। जबकि, इससे पहले भाजपा यहां खुद को ज्यादा मजबूत नहीं मानती रही है।

भाजपा का वोट विधानसभा वार:-
वर्ष 2017 – 16964
वर्ष 2022 – 18763
वर्ष 2024 (वर्तमान) – 31261

बद्रीनाथ सीट पर भाजपा का मत प्रतिशत में आंशिक गिरावट:

बद्रीनाथ सीट को हमेशा से कांग्रेस की सबसे मजबूत सीट माना जाता रहा है। कांग्रेस इस सीट पर दोबारा जीत दर्ज करने में सफल रही है। हालांकि, इस सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी लखपत बुटोला ने भाजपा प्रत्याशी राजेंद्र भंडारी (कांग्रेस से विधायक पद छोड़कर भाजपा में शामिल) हराया जरूर है, लेकिन भाजपा के पिछले वोट प्रतिशत में ज्यादा बड़ी गिरावट दर्ज नहीं की गई है, जो कि भाजपा के लिए राहत की बात भी है। पिछले विधानसभा चुनाव 2022 में भाजपा प्रत्याशी महेंद्र भट्ट इस सीट पर 30595 वोट के साथ दूसरे स्थान पर रहे थे।

हालांकि, भाजपा की हार का कारण कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए राजेंद्र सिंह भंडारी को टिकट देना भी माना जा रहा है। इसे लेकर कांग्रेस पार्टी के बड़े नेता गणेश गोदियाल ने बद्रीनाथ में डेरा डालकर राजेंद्र भंडारी के खिलाफ दुष्प्रचार का अभियान छेड़ा हुआ था, जिसका खामियाजा भाजपा को भुगतना पड़ा है। पार्टी कार्यकर्ताओं का कहना है कि यदि पार्टी किसी मेहनती कार्यकर्ता को टिकट देती तो नतीजे कुछ और हो सकते थे।

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