पिछले तीन साल में यूपी में संघ की शाखाओं की संख्या में आया अच्छा उछाल
एंजेंसी/ जैसे-जैसे यूपी चुनाव नजदीक आ रहे हैं, बीजेपी के वैचारिक परामर्शदाता ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ’ द्वारा किए गए प्रयास फलदायी होते दिख रहे हैं. संघ यूपी में अपनी शाखाओं में बढ़ोत्तरी करने के साथ ही अब अपने युवा साथियों को पुरातन ग्रीस की तर्ज पर बने एक प्रोग्राम के जरिए प्रेरित करने जा रहा है.
स्वयंसेवकों को और बेहतर बना रहा है संघ
गुणात्मक संचालन नाम के एक प्रकल्प (प्रोग्राम) के जरिए आरएसएस अपने स्वयंसेवकों को कदम दर कदम मार्शल आर्ट, संगठनात्मक क्षमता बढ़ाने और शैक्षिक रूप से और मजबूत बढ़ाने के लिए कविता, डिबेट और विज्ञान सिखाएगा. संघ के क्षेत्र प्रांत प्रचार प्रमुख कृपाशंकर ने मेल टुडे को से बातचीत में कहा कि संघ अपनी आइडियोलॉजी से सहमत युवाओं को अपने साथ जोड़ने की दिशा में काम कर रहा है.
उन्होंने कहा, ‘संघ अपनी विचारधारा से सहमत युवाओं में से सबसे बेहतरीन युवाओं को पहचानने की कोशिश कर रहा है. जिसके बाद हम उन्हें और बेहतर करेंगे. ये हम अपने युवा स्वयंसेवकों की क्षमता को जानने के लिए कर रहे हैं. हमने कई प्रतियोगी गतिविधियों जैसे, मार्शल आर्ट, पोएट्री और संघ प्रार्थना के गायन के आधार पर पैरामीटर बनाए हैं जिनके आधार पर हम उन्हें जज करेंगे.’
उन्होंने आगे बताया कि यूपी में पिछले तीन सालों में शाखाओं की संख्या में भी लगातार बढ़ोत्तरी देखने को मिली है. जैसा कि आरएसएस हमेशा से कहता आया है कि वो चुनाव नहीं लड़ेंगे. संघ खुद को हमेशा से ही राजनैतिक नहीं बल्कि सांस्कृतिक संगठन बताता आया है. हालांकि संघ अपनी राजनैतिक शाखा बीजेपी को जमीनी स्तर पर कार्य करने वाले कार्यकर्ता उपलब्ध कराता आया है.
जिस तरह से यूपी में आरएसएस की शाखाओं में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है उसका बीजेपी को निश्चित तौर पर फायदा मिलेगा. कृपाशंकर के मुताबिक 2013-14 से लेकर अब तक यूपी में शाखाओं की संख्या 44,996 से बढ़कर 56,859 तक पहुंच चुकी है. 2013-14 से 2014-15 तक यूपी में शाखाओं की संख्या 15 फीसदी की बढ़ोत्तरी के साथ 44,996 से बढ़कर 51,332 तक पहुंची थी.
अगर इस आंकड़ों की तुलना इस साल अब तक के आंकड़ों से की जाए तो मई महीने की शुरुआत तक ही शाखाओं की कुल संख्या में 10 फीसदी का उछाल आ चुका है. इस बढ़ोत्तरी की खास बात यह है कि संघ इनके जरिए अब बीएसपी चीफ मायावती के वोटबैंक पर निशाना साध रहा है.
गौरतलब है कि संघ ने अपनी शाखाओं को दो भागों में बांट रखा है, विद्यार्थी और व्यवसायी. आंकड़ों को देखें तो विद्यार्थियों वाली शाखा में व्यवसायियों वाली शाखा से ज्यादा उछाल आया है. 2013-14 में विद्यार्थी शाखाओं की संख्या 29,295 जबकि व्यवसायी शाखाओं की संख्या 15,701 थी. वहीं इस साल अब तक ये संख्या बढ़कर क्रमश: 37,308 और 19,551 हो चुकी है. पिछले साल विद्यार्थी शाखाओं में 15 जबकि इस साल 10 फीसदी का उछाल आया है.
जबकि व्यवसायी शाखाओं में पिछले साल और इस साल अब तक लगभग 12 फीसदी का उछाल दर्ज किया गया है.