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समीकरण बनाने में जुटे अखिलेश यादव, राजभर के बाद एक और पार्टी का मिला साथ

नई दिल्लीः देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में अगले साल 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं, जिन्हें लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां अपने समीकरण बैठाने में लगी हैं। नेताओं ने भी अपना सियासी कद बढ़ाने व टिकट की चाह में पार्टियां बदलना शूरू कर दिया है। राज्य में सत्ताधारी पार्टी बीजेपी सबका साथ सबका विकास के नारे पर वोट मांग रही हैं तो दूसरी ओर विपक्षी पार्टियां खराब कानून व्यवस्था, किसानों की अनदेखी व महिला असुरक्षा का हवाला देकर निशाना साध रही हैं।

विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी बीजेपी को टक्कर देने जीतोड़ मेहनत में लगी है। इसी सप्ताह समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने सुभासपा से गठबंधन कर पूर्वांचल में नया दांव चलने के साथ आज एक और दल का साथ मिल गया। सर्व समाज एकता दल के प्रदेश अध्यक्ष जयपाल सिंह कश्यप ने अखिलेश यादव से मुलाकात कर अपना समर्थन देने का ऐलान कर दिया है। इससे पहले राष्ट्रीय क्रांति पार्टी और आदिम समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हंसराज कौल ने अपने साथियों के साथ समाजवादी पार्टी ले गठबंधन की घोषणा की थी।

वहीं, इससे पहले कल पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने एक ईस्ट इंडिया कंपनी केवल व्यापार करने आई थी। अपने हिसाब से एक कानून बनवाया और धीरे धीरे देश पर राज कर लिया। वैसे ही अपने देश में कानून बन रहे हैं। आगे उन्होंने कहा कि कहीं ऐसा न हो अपने देश की सरकार भी किसी कंपनी की गुलाम हो जाए। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार में सबकुछ कंपनियों को दिया जा रहा है। इस दौरान अखिलेश यादव आजमगढ़ जिले के हाईस्कूल इंटर के 130 मेधावी छात्रों को लैपटॉप वितरण करने आए थे।

अखिलेश यादव ने कहा कि यूपी के सीएम योगी को लैपटॉप चलाना नहीं आता है, तभी तो अपने संकल्प पत्र का वादा पूरा नहीं किया। यूपी में लैपटॉप अब तक नहीं बांटा गया। अब जब मैं बांट रहा हूं तो मुख्यमंत्री परेशान हैं कि कौन आ रहा। जनता फ्री लैपटाप टैबलेट देने का वादा करने वालों को ढूंढ रही है।

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