370 हटने के बाद शांति से बौखलाया पाक, इन दो वजहों से ISI करा रही मासूमों की हत्याएं
जम्मू-कश्मीर में बीते कुछ दिनों में स्थानीय नागरिकों और बाहरी लोगों पर बढ़े हमलों के पीछे पाकिस्तान की रणनीति है। इंटेलिजेंस एजेसियों के मुताबिक पाकिस्तान ने केंद्र शासित प्रदेश में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों और बाहरी वर्कर्स पर हमले की योजना पर काम करना शुरू कर दिया है। पाक ने ही 1990 के दशक में भी ऐसी ही हिंसा को बढ़ावा दिया था, जिससे बड़े पैमाने पर कश्मीरी पंडितों का घाटी से पलायन हो गया था। अब एक बार फिर से लोगों के दिमाग में डर बिठाने के लिए पाकिस्तान ने इस कुत्सित रणनीति पर काम करना शुरू किया है।
एजेंसियों का कहना है कि आईएसआई इसके जरिए दो एजेंडों पर काम कर रही है। पहला यह कि इसके जरिए वह कश्मीरी लोगों को आतंकवाद के प्रति आकर्षित करना चाहती है और दूसरा कश्मीर में काम कर रहे बाहरी मजूदरों को बाहर भेजना। इसके अलावा पाकिस्तानी एजेंसी का मकसद अल्पसंख्यक समुदाय के मन में डर पैदा करना है ताकि उनका पुनर्स्थापन न हो सके। इसी मकसद से पाकिस्तान की एजेंसी ने आतंकियों को ट्रेनिंग दी है कि वे आम लोगों को निशाना बनाएं ताकि डर पैदा किया जा सके। इस तरह के हमलों से कश्मीर की टूरिज्म इंडस्ट्री को भी नुकसान पहुंचने की आशंका है।
एक सुरक्षा अधिकारी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद भी जिस तरह की शांति थी, उससे पाकिस्तान परेशान हो गया था। इसी के चलते आईएसआई ने अब यह साजिश रची है, जिससे घाटी में अशांति पैदा की जा सके। बौखलाये आतंकी अब इसी के चलते घाटी में आम लोगों को निशाना बना रहे हैं। अब तक ऐसा नहीं होता था और आतंकी सुरक्षा बलों पर ही हमले करते थे। श्रीनगर के हुजूरी बाग इलाके में फार्मेसी ओनर माखनलाल बिंदरू की हत्या 2 अक्टूबर को की गई थी। उसके बाद से कई हमले स्थानीय और बाहरी लोगों पर किए जा चुके हैं। अब तक कुल 11 नागरिकों की इस महीने आतंकी हत्याएं कर चुके हैं।