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नेशनल हाइवे पर करतब दिखाने के लिए वायु सेना तैयार

नई दिल्ली: भारतीय वायु सेना आज राजस्थान के जालोर में राष्ट्रीय राजमार्ग पर करतब दिखाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत भी इस पल का गवाह बनेंगे। एयरफोर्स के मुताबिक, राजस्थान के जालोर में राष्ट्रीय राजमार्ग पर आपातकालीन फील्ड लैंडिंग पर लैंडिंग प्रदर्शन के दौरान, जगुआर और एसयू -30 एमकेआई सहित लड़ाकू विमान उतरेंगे और उड़ान भरेंगे।

राजस्थान के जालोर में प्रदर्शन के दौरान उतरने वाले पहले C-130J सुपर हरक्यूलिस विमान में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया रहेंगे। केन्द्रीय मंत्री राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी राजस्थान के बाड़मेर के गंधव-बाखासर खंड में राष्ट्रीय राजमार्ग-925 पर बने इमरजेंसी लैंडिंग फील्ड (ईएलएफ) का आज उद्घाटन करने जा रहे हैं। एनएच-925 भारत का पहला राष्ट्रीय राजमार्ग है जिसका इस्तेमाल वायुसेना के विमानों को आपात स्थिति में उतारने के लिए किया जाएगा।

इससे पहले एक्सप्रेसवे पर हुई थी मॉक लैंडिग
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने भारतीय वायु सेना के लिए आपातकालीन स्थिति में विमान उतारने के वास्ते एनएच-925ए के सट्टा-गंधव खंड के तीन किलोमीटर के हिस्से पर इस आपातकालीन पट्टी का निर्माण किया है। इससे पहले अक्टूबर 2017 में, भारतीय वायुसेना के लड़ाकू एवं परिवहन विमानों ने लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर मॉक लैंडिंग की थी ताकि यह दिखाया जा सके कि ऐसे राजमार्गों का उपयोग वायुसेना के विमानों द्वारा आपात स्थिति में उतरने के लिए किया जा सकता है। लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे, जोकि एक राष्ट्रीय राजमार्ग नहीं है, उत्तर प्रदेश सरकार के तहत आता है।

यह पट्टी भारतमाला परियोजना के तहत गगरिया-बखासर और सट्टा-गंधव खंड के नव विकसित टू-लेन पेव्ड शोल्डर का हिस्सा है, जिसकी कुल लंबाई 196.97 किलोमीटर है और इसकी लागत 765.52 करोड़ रुपये है। पेव्ड शोल्डर उस भाग को कहा जाता है, जो राजमार्ग के उस हिस्से के पास हो जहां से वाहन नियमित रूप से गुजरते हैं। बयान में कहा गया कि यह परियोजना अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित बाड़मेर और जालौर जिलों के गांवों के बीच सम्पर्क में सुधार करेगी। इसके पश्चिमी सीमा क्षेत्र में स्थित होने से भारतीय सेना को निगरानी करने में मदद के साथ-साथ बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में भी सहायता मिलेगी। ऐसा पहली बार होगा जब भारतीय वायु सेना (आईएएफ) द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग का इस्तेमाल आपात स्थिति में विमान उतारने के लिए किया जाएगा।

इस परियोजना में आपातकालीन लैंडिंग पट्टी के अलावा कुंदनपुरा, सिंघानिया और बाखासर गांवों में वायु सेना/भारतीय सेना की आवश्यकताओं के अनुसार तीन हेलीपैड (प्रत्येक का आकार 100 x 30 मीटर) का निर्माण किया गया है, जो पश्चिमी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भारतीय सेना और सुरक्षा नेटवर्क के सुदृढ़ीकरण का आधार होगा। ईएलएफ का निर्माण 19 महीने के अंदर पूरा किया गया है। इसका निर्माण कार्य जुलाई 2019 में शुरू किया गया था और जनवरी 2021 में यह सम्पन्न हो गया। आईएएफ और एनएचएआई की देखरेख में ‘जीएचवी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने इसका निर्माण किया है।

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