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BCCI ने लिया बड़ा फैसला, एमएस धोनी के जर्सी को भी किया गया रिटायर

नई दिल्ली : महान सचिन तेंदुलकर की जर्सी नंबर 10 के बाद बीसीसीआई ने एमएस धोनी की नंबर 7 जर्सी को रिटायर करने का फैसला किया है। एक लाइन में कहा जाए तो जर्सी नंबर 7 अब किसी भी अन्य भारतीय क्रिकेटर को नहीं दिया जाएगा। इंटरनेशनल क्रिकेट में अब कोई खिलाड़ी जर्सी नंबर 7 पहनकर भारत के लिए नहीं खेल सकेगा। आम तौर पर एक क्रिकेटर को भारत के लिए डेब्यू करने से पहले अपनी पसंदीदा जर्सी नंबर चुनने की स्वतंत्रता दी जाती है। आईसीसी नियमों के अनुसार, उन्हें खिलाड़ी को कोई भी नंबर चुनने की अनुमति है, लेकिन अब भारत में ऐसा नहीं होगा।

एक रिपोर्ट के अनुसार, बीसीसीआई ने युवा भारतीय खिलाड़ियों को सूचित किया है कि वे अब नंबर 7 जर्सी के लिए अनुरोध नहीं कर सकते हैं। तेंदुलकर का नंबर 10 साल 2017 में लिस्ट से बाहर हो गया था। बीसीसीबाई के अधिकारी ने कहा- युवा खिलाड़ियों और वर्तमान भारतीय टीम के खिलाड़ियों को एमएस धोनी की नंबर 7 जर्सी नहीं लेने के लिए कहा गया है। बीसीसीआई ने खेल में उनके योगदान के लिए धोनी की टी-शर्ट को रिटायर करने का फैसला किया है। कोई भी नया खिलाड़ी नंबर 7 नहीं ले सकता है और नंबर 10 पहले से ही उपलब्ध नंबरों की सूची से बाहर था।

यह फैसला धोनी के अगस्त 2020 में संन्यास लेने के साढ़े तीन साल बाद आया है। हालांकि, उन्होंने आखिरी बार इंग्लैंड के मैनचेस्टर में न्यूजीलैंड के खिलाफ 2019 विश्व कप सेमीफाइनल में भारत की जर्सी नंबर 7 पहनकर मैदान पर कदम रखा था। धोनी भारतीय क्रिकेट के सबसे बड़े नामों में से एक के रूप में जाने जाएंगे। वह सफेद गेंद प्रारूप में 3 आईसीसी टूर्नामेंट जीतने वाले एकमात्र कप्तान हैं।

उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में उद्घाटन 2007 टी20 विश्व कप में एक युवा भारतीय टीम को जीत दिलाई। चार साल बाद श्रीलंका के खिलाफ 2011 विश्व कप के फाइनल में मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में धोनी के उस प्रतिष्ठित छक्के के साथ भारत का 28 साल लंबा इंतजार खत्म हुआ। 2013 में धोनी ने भारत को चैंपियंस ट्रॉफी खिताब दिलाया, जो भारत का आखिरी आईसीसी खिताब भी है।

आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान के रूप में अपना जलवा बिखेरने वाले रांची के इस जादुई क्रिकेटर ने 90 टेस्ट, 350 वनडे और 98 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया है, जिसमें उन्होंने क्रमशः 4876, 10773 और 1617 रन बनाए हैं। धोनी के नाम एक भारतीय कीपर द्वारा सबसे अधिक आउट करने का रिकॉर्ड भी है। उनके नाम 634 कैच और 195 स्टंपिंग हैं, जो उन्हें दक्षिण अफ्रीका के मार्क बाउचर और ऑस्ट्रेलिया के एडम गिलक्रिस्ट के बाद खेल के इतिहास में तीसरे सबसे सफल विकेटकीपर बनाते हैं।

कब-कब रिटायर हुई जर्सी- जर्सी नंबर रिटायर करने का सीधा मतलब ये है कि फिर उस टीम का कोई भी खिलाड़ी उस नंबर की जर्सी नहीं पहन सकता. एम.एस.धोनी (M S Dhoni) भारतीय क्रिकेट में इकलौते उदाहरण नहीं हैं जिनकी जर्सी नंबर को रिटायर किया गया हो.सचिन तेंदुलकर की जर्सी नंबर 10 को भी बीसीसीआई (BCCI) रिटायर कर चुकी है. इसके अलावा आईपीएल (IPL) में भी कई टीमों में खिलाड़ियों को सम्मान देने के लिए ये तरीका अपनाया है. हाल ही में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) ने एबी डिविलियर्स (AB de Villiers) और क्रिस गेल की जर्सी को रिटायर कर दिया. डिविलियर्स 17 नंबर की जर्सी पहनते थे, जबकि क्रिस गेल (Chris Gayle) 333 नंबर की. अब ये दोनों ही नंबर RCB की ओर से नहीं दिखेंगे.

कैसे जारी होता है जर्सी नंबर- क्रिकेट में जर्सी नंबर चुनने और उनके अलॉटमेंट का भी एक कायदा है. जो जर्सी नंबर रिटायर नहीं होता या जिसे कोई दूसरा खिलाड़ी पहन नहीं रहा होता, वही नए खिलाड़ियों के लिए उपलब्ध होता है. हां उपलब्ध जर्सी नंबर में से खिलाड़ी को अपनी पसंद का नंबर चुनने का हक होता है. कौन सा खिलाड़ी क्या नंबर चुनता है इसके पीछे की कहानियां भी बड़ी दिलचस्प है. मिसाल के तौरपर भारतीय टीम के कप्तान रोहित शर्मा (Rohit Sharma) 45 नंबर की जर्सी न्यूमरोलॉजी की वजह से पहनते हैं. हिटमैन की जर्सी नंबर 45 का योग 9 है. जो कि रोहित का लकी नंबर भी है.

जर्सी नंबर और ज्योतिष- इसी तरह सौरव गांगुली में अपने क्रिकेट करियर में 1, 24 और 99 अंक की जर्सियां पहनीं और सबके कारण ज्योतिष से जुड़े थे. सचिन तेंदुलकर शुरुआत में 99 नंबर की जर्सी पहनते थे. मगर ज्योतिषी की सलाह पर उन्होंने 10 नंबर की जर्सी का चयन किया. वीरेंद्र सहवाग (Virender Sehwag) 44 और 46 नंबर की जर्सी पहनते थे क्योंकि उनकी मां और बीवी ऐसा चाहते थे. वैसे कुछ दिन तक उन्होंने बिना नंबर की भी जर्सी पहनी, जो यह बताने के लिए थी कि नंबर से उनकी परफॉर्मेंस पर कोई असर नहीं पड़ता। द वॉल के नाम से मशहूर राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) 19 नंबर की जर्सी इसलिए पहनते थे ताकि उन्हें पत्नी का जन्मदिन याद रहे.

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