गुंडप्पा विश्वनाथ की गिनती भारत के महान कप्तानों में की जाती है। 12 फरवरी 1949 को जन्मा यह बल्लेबाज आज अपना 70वां जन्मदिन मना रहे हैं। भारत के इस दिग्गज क्रिकेटर ने अपनी पूरी क्रिकेट 1970-80 के दशक में खेली, जब दुनिया में वेस्टइंडीज की तूती बोलती थी।
इस दौर में भारतीय क्रिकेट में एक और बल्लेबाज छाया हुआ था, जिसे दुनिया ‘लिटिल मास्टर’ सुनील गावस्कर के नाम से जानती है। मैदान में साथी क्रिकेटर और बाहर जीजा-साले का रिश्ता रखने वाले दोनों क्रिकेटर्स की कहानी दिलचस्प है…
70 के दशक में गुंडप्पा विश्वनाथ और सुनील गावस्कर की जोड़ी काफी मशहूर थी। हालांकि विश्वनाथ का करियर सनी गावस्कर से एक-दो साल पहले शुरू हुआ था। मगर दोनों में दोस्ती एकदम गहरी थी।
दरअसल, वेस्टइंडीज दौरे में गावस्कर और विश्वनाथ को टीम के सबसे जूनियर क्रिकेटर होने के नाते एक ही कमरा दिया गया। लिहाजा इस सीरीज ने दोनों को करीब भी ला दिया। वैसे विश्वनाथ और गावस्कर एक दूसरे को पहले से जानते थे, क्योंकि रणजी ट्रॉफी खेलते हुए वो आपस में मिलते रहते थे।
सनी और विशी के नाम से मशहूर दोनों खिलाड़ियों का एक-दूसरे के घर आना-जाना भी था। इसी दौरान विश्वनाथ की नजरें सुनील गावस्कर की छोटी बहन कविता से मिली और वह उन्हें पहली ही नजर में दिल दे बैठे।
विश्वनाथ ने खुद से उम्र में छोटी कविता के लिए कई साल इंतजार किया और कविता के 18 के होते ही गावस्कर परिवार के सामने शादी का प्रस्ताव रख डाला। कविता भी विश्वनाथ को पसंद करती थीं। दूसरी ओर विश्वनाथ जैसे महान क्रिकेटर और एक बेहतर इंसान को अपना दामाद बनाने में सुनील गावस्कर के परिवार ने भी देरी नहीं की।
इसके बाद गावस्कर और विश्वनाथ की जोड़ी क्रिकेट जगत में जीजा-साले की जोड़ी के रूप में प्रसिद्ध हो गई। ऐसे कई मौके आए जब भारतीय टीम मुश्किल में थी और दोनों ने मिलकर टीम को जीत तक पहुंचाया।
विश्वनाथ अपनी पत्नी कविता के साथ बेंगलुरु में रहते हैं। क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद वह आईसीसी के मैच रेफरी रहे। फिर टीम इंडिया के मुख्य चयनकर्ता और टीम मैनेजर की भूमिका भी संभाली। फिलहाल वह लाइमलाइट से दूर परिवार के साथ समय बीताते हैं।