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आजादी के बाद से SC-ST को छोड़कर जाति आधारित जनगणना कभी नहीं हुई, केंद्र सरकार ने संसद को दी जानकारी

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने मंगलवार को संसद को बताया कि आजादी के बाद से अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के अलावा जाति आधारित जनगणना कभी नहीं हुई। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि जनगणना में उन जातियों और जनजातियों की गणना की जाती है जिन्हें अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के रूप में अधिसूचित किया गया है।

कुछ राजनीतिक दलों और कुछ संगठनों ने आगामी जनगणना में जाति विवरण एकत्र करने का अनुरोध किया है। भारत सरकार ने आजादी के बाद से जनगणना में एससी और एसटी के अलावा अन्य जाति आधारित जनगणना नहीं की है। एक अन्य प्रश्न के उत्तर में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि एक जुलाई तक भारत की अनुमानित जनसंख्या 139 करोड़ है।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनसंख्या आयोग, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रकाशित जनसंख्या अनुमान पर तकनीकी समूह की रिपोर्ट के अनुसार एक जुलाई, 2023 को भारत की अनुमानित जनसंख्या 139,23,29,000 है।

एक जुलाई को चीन की अनुमानित जनसंख्या भारत से अधिक थी। विश्व जनसंख्या संभावना रिपोर्ट 2022 के अनुसार एक जुलाई, 2023 को चीन की अनुमानित जनसंख्या 142,56,71,000 थी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जनगणना 2021 कराना चाहती है, लेकिन कोराना महामारी के कारण, जनगणना और संबंधित गतिविधियों को स्थगित कर दिया गया है।

एक अन्य प्रश्न के उत्तर में नित्यानंद राय ने कहा कि समय-समय पर सरकार के संज्ञान में आया है कि कुछ अनधिकृत वेबसाइटें फर्जी तरीकों से भारत ई-वीजा जारी करने की कोशिश कर रही हैं। सरकार ने इसे रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं।

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