एक नौका विस्तृत सागर में यूँ स्वयं को लहरों के हवाले कर देती है जैसे कोई अपने किसी परम मित्र…
Read More »साहित्य
-सुबह बिस्तर छोड़ते के उपरान्त, अमूमन जैसी कि दिनचर्या है, दैनन्दिन की क्रिया-प्रक्रिया से पहले मेरी आदत है, कम-अज-कम दो…
Read More »रचना का जीवद्रव्य’ जितेन्द्र श्रीवास्तव की सद्य: प्रकाशित आलोचनात्मक पुस्तक है जिसमें कविता, कहानी, उपन्यास, गजल, संस्मरण, आत्मकथा की समीक्षाओं…
Read More »प्रकृति का सिद्धांत है जो विपरीत परिस्थितियों के अनुसार अपने आप को ढाल पायेगा वही जीवित रहने का अधिकारी है…
Read More »पुस्तक-समीक्षा : रमेश नैयर पुस्तक ‘मोदी युग’ का शीर्षक देखकर प्रथम दृष्टया लगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्तुति में…
Read More »आशुतोष राणा की कलम से… क्रॉकडायल की छाप वाला सूट्केस, उनकी दसों उँगलियों में विभिन्न नगों से जड़ी हुई कुछ…
Read More »न्यूयॉर्क के कोलंबिया विश्वविद्यालय में हिन्दी भाषा और साहित्य की प्रोफेसर सुषम बेदी जी का नाम प्रवासी-साहित्य लेखन में अपरिचित…
Read More »उपन्यास ‘कालीचाट’ से गुजरते हुए किसान जीवन की त्रासदी की बड़ी तीखी अनुभूति से हमारा सामना होता है। यह अनुभूति…
Read More »पुस्तक समीक्षा भारतीय समाज में अनेक विविधता व्याप्त है उन्हीं के बीच मध्यवर्गीय जन-जीवन अपने आपको साबित करने के प्रयास में…
Read More »साक्षात्कार : सुधा ओम ढींगरा सुधा ओम ढींगरा जी का व्यक्तित्व बहुआयामी है, आप कथाकार, कवयित्री, सम्पादक, रंगकर्मी, समाजसेवी होने के…
Read More »संस्मरण भारत में कोई जगह। दरवाजे पर दस्तक। कोई चौबे जी आए हैं। दरवाजा खोला। दो लोग। एक पुलिस सा…
Read More »कहानी पूर्वी उत्तर प्रदेश और पश्चिमी बिहार के अंचल में नई-नई तरक्की का दौर है, अब वाराणसी से सत्यकाम के…
Read More »माता पिता ने उनका नाम रामचंद्र रखा था। किंतु मेट्रिक की परीक्षा देने से ठीक पहले, वे एक शपथपत्र देकर…
Read More »स्मृति का विस्मृति में बदलना, शक्ति होते हुए भी शक्ति का भान ना होना, हमारे दुःख का कारण होता है..इसलिए…
Read More »– डॉ.सुमन सिंह प्रो. हरीश नवल का नाम व्यंग्य लेखन के क्षेत्र में अपरिचित नहीं है। ज्ञान चतुर्वेदी, प्रेम जनमेजय के…
Read More »पुस्तक समीक्षा- कुमार मंगलम हिंदी का प्रकाशन जगत अब बदल रहा है ’ इन प्रकाशकों पर बेस्ट सेलर्स का इतना…
Read More »कहानी : संजय माथुर नन्दन जी के यहाँ रामायण बैठी है। सब मुहल्ले वालों को न्योता भेजा गया है। सभी…
Read More »वे लोगों से अभिवादन में केवल राम राम कहते थे, खाने में उन्हें सिर्फ़ रवा का हलवा, और बेसन का…
Read More »नई तर्ज की होली है ये होली बड़बोली है। पहले थी मनभावन होली मन फागुन तन सावन होली। प्यार…
Read More »कहानी जिस दिन सर चिता पर धू-धू जल रहे थे वह पाँच सितम्बर का दिन था। ऊपर आसमानों के न…
Read More »पुस्तक समीक्षा समकालीन युवा कवियों में राकेश रंजन का नाम उनके विशिष्ट काव्य-प्रयोगों के कारण भी अलग से पहचान में…
Read More »1) मुहब्बत ऐसी धड़कन है जो समझाई नही जाती हम अपने अपने नाम जोड़ते खोल देते फिर शहर में भी…
Read More »(1) फ़रेबो-झूठ मक्कारी के आगे चली है किसकी अय्यारी के आगे। मुझे भी चाल चलने दे री कि़स्मत! खड़ी क्यूँ…
Read More »डॉक्टर लालचंद साठी, जिनके कर्मों के कारण क़स्बे के लोग उनको डॉक्टर लाठी कहने लगे।जिस गली में वे रहते थे…
Read More »राम और बुद्ध की धरती प्राचीन धरा पर हिंदी की अनुगूँज 13 वाँ अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन बाली (इंडोनेशिया) में डॉ.…
Read More »– माया भारती, ओस्लो, नार्वे से १० फरवरी २०१७ को ओस्लो नार्वे में नार्वेजीय लेखक थूरस्ताइन विंगेर की लिखी भारतीय…
Read More »कहानी : तेजेन्द्र शर्मा ओए! तुझे नहीं पता… इन नीची जात वालों के बदन से एक अलग किस्म की बू…
Read More »डॉ. सुमन सिंह प्रवासी साहित्य जगत का चर्चित, प्रतिष्ठित और बहुपठित नाम है तेजेन्द्र शर्मा। लन्दन में रहकर विगत कई…
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