साहित्य

रामराज्य : आशुतोष राणा की कलम से..{.भाग_४}

स्तम्भ: अयोध्या पीछे छूट चुकी थी, जनशून्य क्षेत्र आरम्भ हो चुका था। कैकेयी इस सत्य को जानती थीं कि जब…

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सेवासदन के 100 वर्ष पूर्ण होने पर संगोष्ठी का आयोजन

वाराणसी, 06 सितम्बर। डी.ए.वी. पीजी काॅलेज के हिन्दी विभाग के तत्वावधान में गुरूवार को मुंशी प्रेमचन्द्र के उपन्यास ‘सेवासदन’ के…

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वासुदेव_कृष्ण : आशुतोष राणा की कलम से.. {भाग_१}

स्तम्भ: वे अपने महल के विशाल कक्ष में बेचैनी से चहल क़दमी कर रहे थे, मृत्यु के मुख पर खड़े…

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वासुदेव_कृष्ण : आशुतोष राणा की कलम से..{भाग_२]

स्तम्भ : कंस ने लगभग डाँटते हुए कहा- मुझे बहलाओ मत कृष्ण। मैं गोकुल की गोपी नहीं हूँ, जो तुम्हारे…

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वासुदेव_कृष्ण : आशुतोष राणा की कलम से.. {भाग_३}

स्तम्भ : कृष्ण अपने हृदय की आत्मीयता को कंस पर उड़ेलते हुए बोले- मुक्त होने के लिए रिक्त होना पड़ता…

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वासुदेव_कृष्ण : आशुतोष राणा की कलम से… {भाग_४}

स्तम्भ : कृष्ण, मेरी माँ पवनरेखा अनिंद्य सुंदरी थी, अपने पति उग्रसेन के प्रति पूर्णतः समर्पित। किंतु किसी भी स्त्री…

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वासुदेव_कृष्ण :आशुतोष राणा की कलम से स्तम्भ {भाग_५]

स्तम्भ: मेरा अनुभव है कृष्ण, कि #दुर्भाग्य व्यक्ति को #अपने_पास_बुलाता_है, किंतु #सौभाग्य व्यक्ति तक #स्वयं ही पहुँच जाता है। कंस…

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वासुदेव_कृष्ण :आशुतोष राणा की कलम से.. {भाग ६} 

स्तम्भ : मेरी माँ पवनरेखा जब अपने पितृगृह पहुँची तब वह अपने पति से विरह और हृदय की वेदना से…

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संसार भगवान की छाया, भगवान मिल जाए तो छाया के लिए प्रयास करने की क्या जरूरत

अध्यात्म : भगवान् को प्राप्त करने का अभियान भगवद्जन के लिए जितना सरल और सरस है विषयी व्यक्ति के लिए उतना…

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सर्वकल्याणकारी प्रेम : सर्वनाशक मोह

अध्यात्म : संसार में हाथ, दो पैर वाले जीवों की भरमार है। सामान्यतया उन्हें ‘मनुष्य’ कहते है। लेकिन ‘मनुष्य’ ये…

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सुतीक्ष्ण जी की विलक्षण गुरुदक्षिणा : स्वयं राम की प्राप्ति कर साक्षात राम को ले जाकर अपने गुरु को किया समर्पित

अध्यात्म : सुतीक्ष्ण जी अगस्त्य मुनि के शिष्य थे। शिक्षा प्राप्त कर लेने के पश्चात् सुतीक्ष्ण ने गुरुजी से दक्षिणा हेतु…

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रामराज्य : रामकथा आशुतोष राणा की कलम से..भाग ३

 स्तम्भ: कैकेयी को सुमित्रा के शब्द सुनाई दिए वे कह रही थीं- जीजी, परमात्मा ने महाराज दशरथ और हम सबके भाग्य…

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रामराज्य : रामकथा आशुतोष राणा की कलम से…( भाग-2)

 स्तम्भ: कैकेयी ने आश्चर्य से सुमित्रा को अपने कंठ से अलग करते हुए कहा- शत्रुघन का कहीं पता नहीं है…

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रामराज्य : रामकथा आशुतोष राणा की कलम से (भाग-1)

स्तम्भ: भरत नंदीग्राम में ही रुक गए, उन्होंने निर्णय सुना दिया था कि प्रभु श्रीराम के अयोध्या वापस लौटने तक…

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हमारी नस-नस में हैं इतिहास के महानायक श्रीकृष्ण

इतिहास भूत होता है। इसमें जोड़ घटाव उचित नहीं होता। जैसा घटित हुआ, वैसा ही इतिहास बना। हम चाहकर भी…

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भाव और विचार एक नहीं होते

भाव का केन्द्र हृदय है और ज्ञान का केन्द्र बुद्धि। बुद्धि का आधार स्मृति है। हम प्रत्यक्ष जगत का विवेचन…

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जैन मुनि तरुण सागर की हालत नाजुक, शुरू किया संथारा

नई दिल्ली : प्रसिद्ध जैन मुनि तरुण सागर महाराज की हालत गंभीर बनी हुई है| मैक्स अस्पताल की ओर से…

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पत्नी ने बांधी थी पति को राखी, जाने पौराणिक कथा

नई दिल्ली : 26 अगस्त को रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाएगा। यह त्योहार भाई-बहन के आपसी रिश्तों को मजबूत बनाने…

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एक महान साहित्यकार और सच्चे इंसान की ‘विदाई’ 

संजय सक्सेना हिंदी साहित्यकार, शिक्षक एवं कवि सम्मेलनों के मंचों पर काव्य वाचक एवं फिल्मों के गीत लेखक गोपाल दास…

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प्रियंका ने अपने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया, जिसमें निक जोनास आश्रम के बच्चों को गाना सुनाया

मुंबई: बॉलीबुड और हॉलीबुड दोनों जग़ह अपना कैरियर बनाने वाली “प्रियंका चोपड़ा” बीते रोज़ अपने मंगेतर निक जोनास और पूरे…

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मॉरीशस में शुरू हुआ ‘विश्व हिंदी सम्मेलन’, याद किए गए ‘अटल’

पहला विश्व हिंदी सम्मेलन नागपुर में 1975 में हुआ था पोर्ट लुइस : 11वां विश्व हिंदी सम्मेलन मॉरीशस में शुरू…

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इस राखी मन में आत्मविश्वास पैदा करें, जाने भाई बहनो से जुड़ी कुछ खास बातें

नई दिल्ली : रक्षाबंधन का त्याेहार हर बहन के लिए बेहद खास हाेता है। बल्कि भार्इ भी इस त्याेहार पर…

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जब अटल ने लता से कहा, आपका हॉस्प‍िटल अच्छा चले मैं ऐसा आपसे नहीं कह सकता|जाने क्या थी वज़ह

नई दिल्ली : पूर्व प्रधानमंत्री अटल ब‍िहारी वाजपेयी का गुरुवार को न‍िधन हो गया| इससे देशभर में शोक की लहर…

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स्वतंत्र, स्वभाव, स्वराज और स्वाभिमान

‘स्वतंत्र’ का अर्थ गहरा है। स्व का अर्थ सुस्पष्ट है। स्व यानी मैं। मेरा अन्तःक्षेत्र। हमारी अपनी अनुभूति। प्रत्येक व्यक्ति…

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निर्माणों के पावन युग में हम चरित्र निर्माण न भूलें : डाॅ. जगदीश गाँधी

नया शैक्षिक सत्र चरित्र निर्माण का वर्ष हो बच्चों को भौतिक के साथ ही सामाजिक एवं आध्यात्मिक शिक्षा भी दें…

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सृष्टि का रहस्य और रहस्यमय होना भी एक रहस्य है, जाने इससे जुड़ी घटनाओ के बारे में

नई दिल्ली : यदि विज्ञान या अध्यात्म से तुम्हारे भीतर विस्मय या भक्ति का भाव नहीं जगा, तो तुम गहरी…

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‘हम भारत के लोग’ : हृदयनारायण दीक्षित

‘हमारे पूर्वजों ने धरती को माता और आकाश को पिता बताया’ ‘हम भारत के लोग’ हैं। यही हमारा मूल परिचय…

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अंधविश्वासी नहीं है भारतीय चिंतन

‘दर्शन’ का मूल उद्देश्य संसार को समझना और विश्व को आनंद से भरना है संसार हमारा आश्रय है। हम संसार…

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