एजेन्सी/ बॉलीवुड फिल्म ‘थ्री इडियट्स’ में बाबा रणछोड़दास चांचण ने कहा है कि ‘काबिल बनो, कामयाबी झक मार कर तुम्हारे पीछे आएगी’. और इस डायलॉग को पंजाब के एक लड़के ने सच साबित करके दिखा दिया है. 22 साल का त्रिशनित अरोड़ा स्कूल में फेल होने के बावजूद आज एक नामी कंपनी का सीईओ है. कभी स्कूल में फेल होने वाले त्रिशनित की मदद आज सीबीआई भी लेती है. फिल्म थ्री इडियट्स में जिस तरह आमिर कहते थे कि ज्ञान चारों तरफ बंट रहा है, जहां से मिले आप लपक लो. उसी तरह त्रिशनित का भी मानना है कि पैसा कमाने के लिए डिग्री या फॉर्मल एजुकेशन की जरूरत नहीं होती. त्रिशनित लाखों का बिजनेस करने वाली कंपनी टीएसी के सीईओ हैं.
बचपन से ही त्रिशनित का लगाव कंप्यूटर में रहा है. त्रिशनित का कहना है कि वह हमेशा कंप्यूटर में ही बिजी रहते थे. कंप्यूटर को लेकर उनकी दीवानगी इस कदर थी कि उन्होंने बाकी विषयों की पढ़ाई ही नहीं की. कंप्यूटर में बिजी त्रिशनित ने दो विषयों के पेपर ही नहीं दिए और फेल हो गए. इसके बाद स्कूल में दोस्तों ने उसका खूब मजाक उड़ाया. टीचर्स और परिवार ने जमकर डांट लगाई. लेकिन त्रिशनित की चाहत कंप्यूटर को लेकर जरा कम नहीं हुई. ना ही उसने हिम्मत हारी. त्रिशनित ने अब फैसला लिया कि अब वह स्कूल नहीं जाएगा और कॉरेस्पॉन्डेंस से ही पढ़ाई करेगा. त्रिशनित ने अब अपना पूरा ध्यान कंप्यूटर में ही लगा दिया और 12वीं तक कॉरेस्पॉन्डेंस से पढ़ाई की.
आज त्रिशनित एक सफल एथिकल हैकर हैं. एथिकल हैकिंग में नेटवर्क या सिस्टम इन्फ्रास्ट्रक्चर की सिक्युरिटी इवैल्युएट की जाती है. सर्टिफाइड हैकर्स इसकी निगरानी करते हैं, ताकि कोई नेटवर्क या सिस्टम (कम्प्यूटर) इन्फ्रास्ट्रक्चर की सिक्युरिटी तोड़कर कॉन्फिडेन्शियल चीजें न तो उड़ा सके और न ही वायरस या दूसरे मीडियम्स के जरिए कोई नुकसान पहुंचा सके. लुधियाना में पैदा हुए इस लड़के की मदद आज बड़ी-बड़ी मल्टीनेशनल कंपनियों से लेकर सीबीआई तक लेती है.
एक मध्यम परिवार में पैदा हुए त्रिशनित का कहना है कि कंप्यूटर में तो मुझे बपन से ही रूचि थी. लेकिन आठवीं क्लास के दौरान एथिकल हैकिंग में मेरी दिलचस्पी बढ़ गई. त्रिशनित बताते हैं कि उनकी मां और पिता उनके इस शौक को पसंद नहीं करते थे. लेकिन त्रिशनित तो कंप्यूटर की दुनिया में अपना कैरियर बनाने की जिद ठान चुके थे.
शुरुआत में त्रिशनित की बातों को सुनकर लोग हंसते थे और उसका मजाक उड़ाते थे. लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने अपने काम से अपनी काबिलियत को साबित करके दिखाया. त्रिशनित ने साबित करके दिखाया कि कैसे विभिन्न कंपनियों का डाटा चुराया जा रहा है और इन दिनों हैकिंग के क्या तरीके इस्तेमाल किए जा रहे हैं? धीरे-धीरे उनके काम को मान्यता मिलने लगी और कंपनियां उनके काम को सराहने लगीं.
त्रिशनित ने ‘टीएसी सिक्योरिटी’ नाम की साइबर सिक्योरिटी कंपनी स्थापित की. सीबीआई भी कंपनी से मदद लेती है. त्रिशनित ‘हैकिंग टॉक विद त्रिशनित अरोड़ा’, ‘दि हैकिंग एरा’ और ‘हैकिंग विद स्मार्ट फोन्स’ जैसी किताबें लिख चुके हैं.
त्रिशनित को ‘पंजाबी आइकन अवार्ड’ दिया जा चुका है. पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने उन्हें गणतंत्र दिवस पर ‘स्टेट अवॉर्ड’ दिया. इसके अलावा 2013 में पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने त्रिशनित को सम्मानित किया था.
दुबई और यूके में त्रिशनित की कंपनी का वर्चुअल ऑफिस है. करीब 40% क्लाइंट्स इन्हीं ऑफिसों से डील करते हैं. दुनियाभर में 50 फॉर्च्यून और 500 कंपनियां त्रिशनित की क्लाइंट हैं. इन्होंने नॉर्थ इंडिया की पहली साइबर इमरजेंसी रेस्पॉन्स टीम सेटअप किया.
त्रिशनित चाहते हैं कि अब उनकी कंपनी का बिजनेस यूए तक जाए. उन्होंने इसी साल जनवरी में दिए अपने एक इंटरव्यू में कहा था कि वे कंपनी का टर्नओवर बढ़ाकर इसे दो हजार करोड़ रुपए तक ले जाना चाहते हैं. त्रिशनित का कहना है कि अगर आपमें ‘पैशन’ है तो आपको कोई रोक नहीं सकता. पैशन के आगे कोई पढ़ाई भी मायने नहीं रखती है.