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बच्चों को स्कूल भेजा जाए, उनमें कोरोना संक्रमण का खतरा बिल्कुल कम: डॉ. गगनदीप कांग

नई दिल्ली: देश में एक बार फिर से कोरोना संक्रमण ने अपनी रफ्तार पकड़ ली है। दिल्ली, मुंबई सहित कई शहरों में कोरोना के नए मामलों में चिंताजनक इजाफा हुआ है। ऐसे में कोरोनो वायरस के खिलाफ 15 से 18 आयु वर्ग के बच्चों का टीकाकरण 3 जनवरी से शुरू होने वाला है। इस बीच वेल्लोर के क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज के जाने माने डॉक्टर गगनदीप कांग ने कहा है कि बच्चों को स्कूलों में जाना चाहिए, इनमें कोविड-19 का संक्रमण ज्यादा गंभीर नहीं है।

इंटरव्यू में डॉ. कांग ने कहा कि मेरा मानना ​​​​है कि हमें बच्चों को स्कूल भेजना चाहिए, क्योंकि आम तौर पर कोविड-19 वायरस बच्चों में ज्यादा गंभीर नहीं होते हैं। उन्होंने कहा कि यह सीख वो है, जो क्लास में या फिर अपने साथियों की बातचीत से क्लास रूम में प्राप्त करते हैं, जो उन्हें छोटे जोखिम की तुलना में इतना अधिक लाभ देते है, अगर वे स्कूल जाते हैं।

डॉ. कांग ने बताया कि सौभाग्य से बच्चों में कोरोना का संक्रमण आमतौर पर गंभीर नहीं होता हैं। MISC (मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम) नामक एक बहुत ही दुर्लभ स्थिति का जोखिम होता है, लेकिन कुल मिलाकर स्वस्थ बच्चे कुछ भी नहीं है। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 दिसंबर को 15-18 आयु वर्ग के बच्चों के लिए टीकाकरण की घोषणा की थी। इस कदम से स्कूलों में शिक्षा सामान्य करने में मदद मिलेगी और स्कूल जाने वाले बच्चों के माता-पिता की चिंता कम होगी।

वहीं डॉ. कांग ने कहा कि देश में अब तl देखें गए वैरिएंट की तुलना में ओमिक्रोन वैरिएंट की गंभीरता कम है। उन्होंने कहा कि सौभाग्य से हमारे लिए ओमिक्रोन अन्य वैरिएंट की तुलना में कुछ हद तक कम गंभीर प्रतीत होता है और ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि हमारी आबादी में उच्च स्तर का जोखिम रहा है या बहुत ज्यादा टीकाकरण किया गया है। इसलिए ओमिक्रॉन को लेकर हमें उम्मीद है कि डेल्टा (वैरिएंट) के साथ हमारा पहला अनुभव उतना चिंता का विषय नहीं होगा।

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