अन्तर्राष्ट्रीय

दक्षिण चीन सागर में अमेरिकी विमान के पीछे पड़ा चीन का फाइटर जेट, बनी टकराव की स्थिति

वाजिंग : अमेरिका और चीन के बीच एक बार फिर टकराव की नौबत आती दिखी। दरअसल, मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय हवाई क्षेत्र में दक्षिण चीन सागर के ऊपर एक चीनी लड़ाकू विमान को अमेरिकी मिलिट्री प्लेन के काफी करीब देखा गया।

आपको बता दें कि अमेरिका-चीन के संबंध लगातार तनावपूर्ण होते जा रहे हैं। चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा, जहां उसकी सेना भारत में घुसपैठ करनी की कोशिश में लगी है। वहीं, अमेरिका से दुश्मनी बढ़ाने के लिए युद्धाभ्यास कर रहा। अमेरिका के एक अधिकारी ने जानकारी दी कि एक चीनी लड़ाकू विमान ने अंतरराष्ट्रीय हवाई क्षेत्र में दक्षिण चीन सागर के ऊपर एक अमेरिकी सैन्य विमान के पास अनावश्यक रूप से आक्रामक युद्धाभ्यास किया।

इंडो-पैसिफिक के लिए जिम्मेदार अमेरिका के सैन्य कमांड ने एक बयान में कहा कि चीनी जे-16 विमान ने पिछले हफ्ते पैंतरेबाजी दिखाई, जिस वजह से अमेरिका के आरसी-135 विमान को टर्बुलेंस का सामना करना पड़ा। बयान में कहा गया कि हम डरने वाले नहीं है। अमेरिका जहां भी अंतरराष्ट्रीय कानून की अनुमति देता है, वहां उड़ान भरना, नौकायन करना और सुरक्षित और जिम्मेदारी से काम करना जारी रखेगा।

इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें देखा जा सकता है कि एक चीनी लड़ाकू विमान अमेरिका के विमान के सामने से गुजरा, जिसके कुछ सेकंड बाद RC-135 का कॉकपिट झटके से डगमगा गया। फिलहाल, इस घटना पर वाशिंगटन में स्थित चीनी दूतावास ने कोई जवाब नहीं दिया। गौरतलब है, चीन पहले ही अमेरिका को धमकी दे चुका है कि दक्षिण चीन सागर में जहाज और विमान भेजना शांति के लिए अच्छा नहीं है।

हालिया घटना चीन की ओर से इस हफ्ते सिंगापुर में शांगरी-ला डायलॉग एशियाई सुरक्षा शिखर सम्मेलन के मौके पर अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन की ओर से मुलाकात के अनुरोध को ठुकराने के बाद हुई है। नाम न छापने की शर्त पर एक वरिष्ठ अमेरिकी रक्षा अधिकारी ने कहा कि 2021 के बाद से चीन ने पेंटागन के साथ बात करने के एक दर्जन से अधिक अनुरोधों का जवाब नहीं दिया है या उन्हें ठुकरा दिया है।

बता दें, ये पहली बार नहीं था। दिसंबर में एक चीनी सैन्य विमान अमेरिकी वायु सेना के विमान के 10 फीट के दायरे में आ गया था और अंतरराष्ट्रीय हवाई क्षेत्र में टकराव से बचने के लिए उसे अपनी दिशा बदलने के लिए मजबूर किया था। अमेरिका ने इसे चीनी सैन्य विमानों की ओर से ‘खतरनाक व्यवहार’ की हालिया प्रवृत्ति कहा है।

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