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गलवान संघर्ष को लेकर चीन की खुली पोल, ऑस्ट्रेलियाई अखबार ने किया दावा- झड़प में PLA के 38 सैनिक बह गए थे

नई दिल्ली। गलवान घाटी में 2020 में हुई झड़प में चीन को उससे कहीं ज्यादा नुकसान हुआ था, जितना कि उसने दावा किया था। झड़प के दौरान कई चीनी सैनिक तेज धारा वाली गलवान नदी पार करते हुए अंधेरे में डूब गए थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने तथ्यों को प्रभावित करने के लिए गलवान में हुई दो अलग-अलग झड़पों के तथ्यों और तस्वीरों को आपस में जोड़ दिया। ऑस्ट्रेलिया के अखबार ने स्वतंत्र सोशल मीडिया रिसर्चरों की टीम बनाई थी और उसकी ओर पेश तथ्यों के आधार पर रिपोर्ट छापी है कि 15 जनू को अस्थायी पुल के निर्माण को लेकर भारत और चीनी सेना में झड़प हुई थी। चीनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीबो के कई यूजर्स के हवाले से रिपोर्ट दावा करती है कि उस रात को कम-से-कम 38 पीएलए सैनिक नदी के तेज बहाव में बह गए थे। हालांकि, चीन ने बाद में इन पोस्टों को डिलीट करवा दिया था। खबर में कहा गया कि इससे यह भी पता चलता है कि बीजिंग उस झड़प के बारे में चर्चा नहीं करने के लिए किस हद तक जा सकता है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि सुरक्षा कारणों से रिसर्चरों का नाम उजागर नहीं किया गया है, लेकिन उन्होंने जो पता लगाया उससे गलवान की घटना पर पर्याप्त रोशनी पड़ती हुई प्रतीत होती है। खबर में कहा गया है कि ये चीन को हुए नुकसान के दावे नए नहीं हैं बल्कि शोधकर्ताओं के समूह द्वारा दिए गए साक्ष्य हैं और ऐसा प्रतीत होता है चीन को हुआ नुकसान बीजिंग द्वारा बताए गए चार सैनिकों से कहीं ज्यादा था।

चीन ने बीजिंग विंटर ओलंपिक्स को राजनीतिक मंच का अखाड़ा बनाया हुआ है। चीनी सरकारी भोंपू अखबार ग्लोबल टाइम्स ने बताया है कि पीपल्स लिबरेशन आर्मी के रेजिमेंट कमांडर क्यूई फैबाओ, जिसे भारत के साथ गलवान घाटी बॉर्डर की झड़प में बहादुरी से लड़ते हुए सिर में चोट लगी थी वह ओलंपिक मशाल रिले के दौरान मशालची के तौर पर दिखा है। भारत और चीन के बीच लद्दाख सहित कई इलाकों में बॉर्डर विवाद को लेकर तनाव जारी है। दोनों पक्षों के बीच अब तक 14 दौर की वार्ता हो चुकी है लेकिन अब तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सका है। हालांकि दोनों देशों ने आपस में मसला सुलझाने की बात कही है और किसी भी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप का विरोध किया है।

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