उत्तर प्रदेशराज्य

सीएम योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट गंगा एक्सप्रेसवे का बदायूं में निर्माण शुरू

बदायूं: योगी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट गंगा एक्सप्रेसवे का कार्य बदायूं में अडानी ग्रुप के इंजीनियरों के द्वारा भूमि पूजन के बाद शुरू हो गया। मेरठ से प्रयागराज तक गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण होना है। एक्सप्रेसवे सबसे ज्यादा करीब 95 किमी दूरी बदायूं में तय होनी है। जनपद की 4 तहसील और 85 गांवों से होकर गंगा एक्सप्रेसवे गुजरेगा। इसके बन जाने से 8 घंटे में मेरठ से प्रयागराज पहुंचा जा सकेगा। शासन से जिले को भूमि अधिग्रहण करने के लिए 945 करोड़ रुपये किसानों को दिया गया है। भूमि को उत्तर प्रदेश सरकार ने हाईवे डवलपमेंट आथॉरिटी को हैंडओवर कर दिया गया है।

बरेली-मथुरा हाईवे पर जनपद के विनावर कस्बे के घटपुरी पर अडानी ग्रुप के इंजीनियरों ने जय किसान पेट्रोल पंप के पास गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए भूमि पूजन किया। इस मौके पर अडानी ग्रुप के इंजीनियर सौरभ चौहान, रवीश कुमार चौहान, शमशाद अली, साइट सुपरवाइजर केके तिवारी आदि मौजूद रहे। गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए विनावर के गांव भेसामई में मशीनें भी पहुंच गई हैं और भूमि समतलीकरण का काम भी शुरू हो गया है। गंगा एक्सप्रेसवे की सबसे अधिक दूरी बदायूं जनपद से होकर ही गुजरेगा। जनपद की चार तहसीलों से होकर एक्सप्रेसवे गुजर रहा है। विनावर में घटपुरी के आसपास मेरठ-प्रयागराज लिंक रोड भी निकल रहा है। गंगा एक्सप्रेसवे बनने पर मेरठ से प्रयागराज की दूरी घट कर मात्र 8 घंटे की रह जायेगी।

मेरठ से प्रयागराज तक जाने वाले गंगा एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 594 किमी होगी। बदायूं की चार तहसीलों से होते हुए गुजरने वाला एक्सप्रेसवे यहां करीब 95 किमी दूरी तय करेगा। गंगा एक्सप्रेसवे के लिए बिसौली के 38, दातागंज के 27, बदायूं के 18 और बिल्सी तहसील के दो गांवों में गुजरेगा। शासन से जिले को भूमि अधिग्रहण करके किसानों को देने के लिए 945 करोड़ मिला था। जिले की चार तहसीलों के 85 गांवों से होकर गंगा एक्सप्रेसवे गुजर रहा है। बिसौली में सबसे ज्यादा, बिल्सी में सबसे कम भूमिएक्सप्रेस वे के लिए बिसौली के 38 गांवों में सबसे ज्यादा 511.222 भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है। बिल्सी में सबसे कम 23.424 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया है। इसके अलावा तहसील सदर में 259.973 और दातागंज में 264.7348 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण किया जा रहा है। सभी तहसीलों में राजकीय भूमि भी है। इस भूमि को उत्तर प्रदेश हाईवे डवलपमेंट आथॉरिटी के लिए हैंडओवर कर दिया गया था।

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