नई दिल्ली: पराली के धुएं से बुधवार को दिल्ली की वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी में पहुंच गई। चिंता की बात यह है कि दिल्ली के दो इलाके ऐसे हैं, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 अंक के पार यानी बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गया। जबकि, 27 निगरानी केंद्रों पर वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी में दर्ज की गई। हवा की दिशा में बदलाव होने के साथ ही राजधानी की वायु गुणवत्ता तेजी से खराब हो रही है। एक दिन पहले मंगलवार को सूचकांक 139 अंक पर रहा था। इसे मध्यम श्रेणी में रखा जाता है। बुधवार को दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 232 अंक पर पहुंच गया। यानी सिर्फ चौबीस घंटों के भीतर ही इसमें 93 अंकों की बढ़ोतरी हुई है।
बुधवार को दिल्ली के ज्यादातर इलाके ऐसे रहे, जहां का वायु गुणवत्ता सूचकांक 200 अंक के ऊपर यानी खराब श्रेणी में रहा। शादीपुर और आनंद विहार स्थित निगरानी केंद्रों में सूचकांक 300 अंक के पार यानी बेहद खराब श्रेणी में रिकॉर्ड किया गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, बुधवार को शाम चार बजे दिल्ली की हवा में प्रदूषक कण पीएम 10 का स्तर 232 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और पीएम 2.5 का स्तर 102 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर पर रहा। पता हो कि मानकों के मुताबिक, हवा में पीएम 10 का स्तर 100 से नीचे और पीएम 2.5 का स्तर 60 से नीचे रहना चाहिए।
दिल्ली की हवा में पराली के धुएं की हिस्सेदारी तेजी से बढ़ रही है। सफर के मुताबिक, एक दिन पहले यानी मंगलवार को दिल्ली की हवा में पराली के धुएं की हिस्सेदारी आठ फीसदी रही थी। बुधवार को यह 16 फीसदी हो गई है। एक दिन पहले पंजाब और हरियाणा के खेतों में पराली जलाने की 656 घटनाएं दर्ज की गईं। सफर का अनुमान है कि हवा की रफ्तार कम होने और दिशा उत्तर पश्चिमी होने के चलते अभी हवा की गुणवत्ता और खराब होगी। फिलहाल हवा पंजाब और हरियाणा की ओर से दिल्ली की तरफ आ रही है। यह हवा पराली का धुआं भी ला रही है, जबकि हवा की रफ्तार कम होने के चलते प्रदूषक कण ज्यादा देर तक वातावरण में जमे रह रहे हैं। इन कारकों के चलते अगले दो दिनों के बीच गुणवत्ता के और खराब होने की संभावना है।