हरिद्वार: मौनी अमावस्या के अवसर पर आज हरकी पैड़ी सहित गंगा के विभिन्न घाटों पर श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। इस मौके पर तड़के से ही हरकी पैड़ी पर स्नान के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचना शुरू हो गए थे।
भीषण सर्दी के कारण लोगों की संख्या प्रातः काफी कम रही, किन्तु धूम निकलने के साथ श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा होता रहा। स्नान के पश्चात लोगाें ने मंदिरों में देव दर्शन किए और दान-पुण्य आदि कर्म किए। पितरों के निमित्त भी लोगों ने श्राद्ध तर्पण आदि कर्म किए।
हिन्दू पंचांग के मुताबिक माघ कृष्ण अमावस्या को मौनी अमावस्या भी कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मौनी अमावस्या शनि देव और पितरों से संबंधित है। कहते हैं कि जिस दिन सूर्य और चंद्रमा का मिलन एक ही राशि में होता है, उस दिन अमावस्या होती है।
मौनी अमावस्या को सभी अमावस्या तिथियों में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। ज्योतिष मानते हैं कि इस दिन मौन और उपवास कर पूजा अर्चना करनी चाहिए। इस दिन दान का भी विशेष महत्व है। मौनी अमावस्या पर कुछ लोगों ने मौन व्रत का भी पालन किया।