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दिलीप वेंगसरकर ने कहा- ‘गौतम गंभीर में बहुत टैलेंट था, लेकिन वह अपने गुस्से….’

नई दिल्ली: जब राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण जैसे दिग्गज एक के बाद एक रिटायर हो रहे थे, उस वक्त भारतीय टेस्ट क्रिकेट के बल्लेबाजी क्रम में एक कमी आ रही थी। ऐसे में भारतीय बल्लेबाजों की अगली पीढ़ी का नेतृत्व करने के वाले गौतम गंभीर और वीरेंद्र सहवाग को पसंद करने वाले भारतीय प्रशंसक बहुत ज्यादा नहीं थे। द्रविड़, लक्ष्मण और सचिन तेंदुलकर के रिटायरमेंट के बाद भारत के दो सबसे अच्छे सलामी बल्लेबाजों ने फॉर्म खो दिया। गंभीर और सहवाग अनियमित हो गए और आखिरकार टेस्ट क्रिकेट में मुरली विजय और शिखर धवन और वनडे क्रिकेट में रोहित शर्मा से अपना स्थान गंवा दिया। गौतम गंभीर ने 2016 में कुछ टेस्ट मैचों में कमबैक किया, लेकिन दोबार ड्रॉप हो गया। भारतीय चयनकर्ता टीम के पूर्व अध्यक्ष दिलीप वेंगसरकर ने गौतम गंभीर के टीम इंडिया में स्थान गंवाने को लेकर अपनी राय दी है।

दिलीप वेंगसरकर को लगता है कि बाएं हाथ के इस बल्लेबाज को भारत के लिए और ज्यादा खेलना चाहिए था। गंभीर को एक अंडररैटिड खिलाड़ी बताते हुए उन्होंने कहा कि गुस्से की वजह से गौतम गंभीर का करियर ज्यादा लंबा नहीं चल पाया। 

गुस्से और इमोशंस पर नहीं था गंभीर का कंट्रोल
उन्होंने कहा, ”अंडररैटिड प्लेयर। उनके पास बहुत टैलेंट था, लेकिन वह अपने गुस्से और इमोशंस पर कंट्रोल नहीं कर सकते थे। मुझे लगता है कि उनके पास जिस तरह की क्षमता थी, उसके हिसाब से उन्हें भारत के लिए और भी अधिक खेलना चाहिए था।”

2018 में लिया क्रिकेट से संन्यास
गौतम गंभीर ने 2003 में बांग्लादेश के खिलाफ डेब्यू किया था। उन्होंने भारत के लिए अपना आखिरी टेस्ट मैच 2016 में खेला था। बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने 2018 में क्रिकेट के सभी फॉर्मैट से संन्यास ले लिया था। गंभीर ने पिछले साल राजनीति भी ज्वॉइन की और अब वह बीजेपी की तरफ से सांसद हैं।

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