चातुर्मास में इन कामो को करने कभी नहीं होगी खुशियों की कमी, धन की होगी वर्षा
नई दिल्ली : चातुर्मास की अवधि 4 महीने की होती है, जिसमें जो आषाढ़ शुक्ल एकादशी से प्रारंभ होकर कार्तिक शुक्ल एकादशी तक चलता है। ये चार माह है श्रावण, भाद्रपद, आश्विन और कार्तिक. इस साल अधिकमास होने से ये माह और बढ़ गया है.
चातुर्मास में साधु-संत तीर्थ यात्रा न करके अधिकतर समय एक ही स्थान पर रहकर मौन व्रत का पालन करते हैं. कहते हैं इन चार महीनों में जलस्तर बढ़ जाता है और वातावरण अशुद्ध रहता है इसलिए मौन व्रत करने से आत्मविश्वास में वृद्धि होती है और मानसिक-शारीरिक तौर पर मजबूती मिलती है.
नौकरी में तरक्की में बाधा आ रही है तो चातुर्मास में चप्पल, छाता, कपड़े, अन्न और कपूर का दान करें. इससे शिव बेहद प्रसन्न होते हैं और जॉब, बिजनेस संबंधी हर परेशानी का निवारण होत है.
कर्ज की समस्या से राहत नहीं मिल रही तो चातुर्मास में अन्न और गौ दान करें. मान्यता है इससे धन प्राप्ति के रास्ते खुलते हैं और अटका धन प्राप्त होता है. इन महीनों में एक समय भोजन करना उत्तम माना गया है.
कहते हैं चातुर्मास में मंत्र साधना सबसे ज्यादा फलीभूत होती है. इन चार महीनों में किसी धार्मिक ग्रंथ या अपने ईष्ट देव के मंत्रों का नियम पूर्वक जाप करें. ये उपाय ग्रह, शत्रु बाधा से मुक्ति दिलाएगा और सेहत भी अच्छी रहेगी.
चातुर्मास के दौरान ब्रह्म मुहूर्त में उठना और जमीन पर सोना शुभ माना जाता है. मान्यता है चातुर्मास में सूर्य की पूजा करने से बल और मान-सम्मान में वृद्धि होती है.