अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में महसूस किए गए भूकंप के झटके, रिक्टर स्केल पर 5.2 रही तीव्रता
केंद्र शासित प्रदेश अंडमान और निकोबार द्वीप समूह (Andaman and Nicobar Island) के कैंपबेल बे (Campbell Bay) में शुक्रवार को रात 8 बजकर 35 मिनट पर भूकंप (Earthquake) के झटके महसूस किए गए. नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (National Center for Seismology) के मुताबिक रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 5.2 रही. हालांकि अभी तक भूकंप की वजह से किसी भी तरह के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है.
इससे पहले, अंडमान और निकोबार में 11 सितंबर को सुबह 8 बजकर 50 मिनट पर भूकंप (Earthquake) के झटके महसूस किए गए थे. नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी ने जानकारी दी थी कि रिक्टर स्केल (Richter Scale) पर भूकंप की तीव्रता 4.5 मापी गई. हालांकि इसमें किसी भी तरह के जान-माल के नुकसान की कोई खबर सामने नहीं आई. भूकंप का सेंटर अंडमान और निकोबार के डिगलीपुर से 137 किमी नॉर्थ में था.
वहीं, 31 अगस्त को भी अंडमान निकोबार के पोर्टब्लेयर (Portblair) में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी ने जानकारी दी थी कि रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.2 मापी गई थी. भूकंप का केंद्र पोर्टब्लेयर से 116 किलोमीटर दक्षिणपूर्व में था. 20 अगस्त को भी अंडमान और निकोबार भूकंप आया था. अंडमान और निकोबार द्वीप समूह भूकंप के लिहाज से बेहद संवेदनशील क्षेत्र में आता है. यहां भूकंप के झटके बार-बार महसूस किए जाते हैं.
पृथ्वी कई लेयर में बंटी होती है और जमीन के नीचे कई तरह की प्लेट होती है. ये प्लेट्स आपस में फंसी रहती हैं, लेकिन कभी-कभी ये प्लेट्स खिसक जाती है, जिस वजह से भूकंप आता है. कई बार इससे ज्यादा कंपन हो जाता है और इसकी तीव्रता बढ़ जाती है. भारत में धरती के भीतर की परतों में होने वाली भोगौलिक हलचल के आधार पर कुछ जोन तय किए गए हैं और कुछ जगह यह ज्यादा होती है तो कुछ जगह कम.
इन संभावनाओं के आधार पर भारत को 5 जोन बांटा गया है, जो बताता है कि भारत में कहां सबसे ज्यादा भूकंप आने का खतरा रहता है. इसमें जोन-5 में सबसे ज्यादा भूकंप आने की संभावना रहती है और 4 में उससे कम, 3 उससे कम होती है.