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आगामी चुनावों के शांतिपूर्ण आयोजन के लिए निर्वाचन आयोग ने मांगे 3.4 लाख जवान

नई दिल्ली, ( दस्तक ब्यूरो) भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और इसे सफल बनाती है निर्वाचन प्रणाली। पूरे देश में अलग अलग स्तरों पर हुए चुनावों से देश को हर स्तर पर प्रतिनिधि मिलते हैं। चुनावों का शांतिपूर्ण तरीके से आयोजन करने के लिए भारत जैसे देश में बड़ी संख्या में सुरक्षा कर्मियों की जरूरत पड़ती है। भारत में कुछ ही दिनों बाद लोकसभा चुनाव 2024 का आयोजन किया जाना है।

लोकसभा चुनाव के साथ ही आंध्र प्रदेश, अरूणाचल प्रदेश, ओडिशा तथा सिक्किम में विधानसभा चुनावों का भी आयोजन किया जाएगा। इस साल के लोकसभा चुनाव में लगभग 97 करोड़ भारतीय मतदान करने के पात्र होंगे। वहीं, दो करोड़ से अधिक नए मतदाता होंगे। इस बाबत चुनाव आयोग ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से चुनाव के लिए जरूरी जवानों की संख्या साझा कर दी है। लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए निर्वाचन आयोग ने 3.4 लाख जवानो की मांग की है।

चुनाव आयोग ने गृह मंत्रालय को भेजे गए अपने पत्र में कहा है कि आयोग ने राज्यों के सीईओ द्वारा किए गए अनुरोधों पर विचार किया और स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण चुनाव सुनिश्चित करने के लिए चरणबद्ध तरीके से सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में सीएपीएफ की अधिकतम 3,400 कंपनियों को तैनात करने का निर्णय लिया है। बता दें कि सीएपीएफ की एक कंपनी में करीब 100 जवान होते हैं।

आयोग ने कहा है कि सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ) ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) और ‘स्ट्रॉंग रूम’ की सुरक्षा जैसी चुनावी ड्यूटी के लिए सीएपीएफ की तैनाती का अनुरोध किया है। बता दें कि सीएपीएफ में सीआरपीएफ, बीएसएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी, एसएसबी और एनएसजी के जवान शामिल होते हैं।

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