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आंखें हो रही लाल, बच्चा कहीं कोविड की चपेट में तो नहीं आ गया… जान लें लक्षण और बचाव

नई दिल्ली: वायरोलॉजिस्ट मानते हैं किे नया कोविड-19 वैरिएंट एक्सबीबी.1.16 बढ़े मामलों की प्रमुख वजह है. ओमिक्रॉन का यह नया सब वैरिएंट, जिसे अब तक विभिन्न देशों में खोजा जा चुका है. ये वायरस भारत में भी हजारों लोगों को संक्रमित कर चुका है.

इस वायरस में नए तरह के कई लक्षण भी देखने को मिल रहे हैं. इससे भी ज्यादा चिंताजनक बात यह है कि यह वैरिएंट एक बार फिर बच्चों पर हमला कर रहा है और वयस्कों के लिए भी खतरा बना हुआ है. ऐसे में परिजनों को बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति गंभीर होने की जरूरत है.

बॉडी गर्म होना यानि बुखार होना, सर्दी और खांसी, डायरिया इसके कुछ लक्षण हैं. इनके अलावा आंखें लाल होना, उनमें खुजली और चिपचिपा होना शामिल हैं. पहले कोरोना केसेज में इस तरह के लक्षण नहीं देखने को मिल रहे थे.

डॉक्टरों का कहना है कि इस नए वेरिएंट के लक्षण ज्यादातर लो-ग्रेड फ्लू जैसे हैं. लोग ऊपरी और निचले सांस लेने के रास्ते पथ में लक्षणों का अनुभव कर सकते हैं. ऊपरी रास्ते में लोगों को नाक से पानी आना, गले में खराश, धीमी गति से बढ़ने वाला बुखार जो एक या दो दिनों तक रहता है. सूंघने की क्षमता में कमी का अनुभव हो सकता है. ये लक्षण दिखते ही कोविड जांच की सिफारिश की जाती है. निचले श्वसन तंत्र में परेशानी होने पर पेशेंट गंभीर ब्रोंकाइटिस और खांसी से पीड़ित हो सकते हैं.

ये नया वेरिएंट दूसरों की तुलना में तेजी से फैलता है. हालांकि, पेशेंट की अस्पताल में भर्ती होने की दर बहुत कम है. इसे घर पर मैनेज किया जा सकता है. हाल के दिनों में, जिन लोगों को टीका लगाया गया है और पिछली कोविड वेव के दौरान संक्रमण के संपर्क में आए थे. वे वायरस के खिलाफ मजबूत इम्यून सिस्टम है. इसे हाइब्रिड इम्युनिटी कहा जाता है.

डॉक्टरों का कहना है कि हाईब्रिड इम्युनिटी में शरीर एंटीबॉडी विकसित करता है जो वायरस के म्यूटेशन से लड़ने में मदद करता है. यह देखा गया है कि कोविड के मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन हाइब्रिड इम्युनिटी के कारण वे बड़े पैमाने पर अस्पताल में भर्ती नहीं होंगे. बावजूद इसके लोगों को वायरस से बचाव के लिए कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए. दो गज की दूरी रखें. बच्चे को आइसोलेट करके रखें.

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