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असम में बाढ़ से बुरा हाल, 89 हुआ मरने वालों का आंकड़ा, 55 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित

असम में बाढ़ (Assam Floods 2022) से जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 89 हो गई है. एक दिन पहले मंगलवार को सात और मौत दर्ज की गई हैं. मरने वाले सभी लोग बाढ़ प्रभावित 32 में से पांच जिलों से हैं. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) ने इस बात की जानकारी दी है. एएसडीएमए का कहना है कि तीन लोग (Flood Situation in Assam) कामरुप में डूब गए और एक-एक लोग दरांग, करीमगंज, तामुलपुर और उदालगुड़ी में डूबे हैं. जबकि कामरुप में एक शख्स लापता हुआ है. राज्य में आई इस बाढ़ ने 55 लाख लोगों को प्रभावित किया है, जिनमें से 1.25 लाख अकेले बारपेटा जिले से हैं.

सरकार 127 जिलों में 1687 राहत शिविर चला रही है. बारपेटा में अकेले 88,000 लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं. बुलेटिन में कहा गया है कि करीब 60,000 जानवर बाढ़ में बह गए हैं. करीब 2600 घर या तो पूरी तरह या फिर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं. मंगलवार को 11 प्रभावित जिलों में फंसे 3,652 लोगों को बचाया गया है. इसके अलावा हैलाकांडी, गुवाहाटी और पाथेरकांडी में भूस्खलन भी आया है. बता दें राज्य में ब्रह्मपुत्र, बराक और उनकी सहायक नदियों में बाढ़ की स्थिति मंगलवार को भी गंभीर बनी रही है.

अधिकारियों ने बताया कि मौत के नए मामलों के बाद इस साल प्राकृतिक आपदा के कारण इस साल 89 लोग जान गंवा चुके हैं. मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सर्मा ने बाढ़ प्रभावित नलबाड़ी और कामरुप जिलों में राहत शिविरों का दौरा किया और कहा कि जल्द ही राहत पैकेज की घोषणा की जाएगी. अधिकारियों के अनुसार, भुवनेश्वर से राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के कर्मी बचाव अभियान में मदद के लिए असम भेजे गए हैं. बराक घाटी में करीमगंज और कचार जिलों में बराक एवं कुशियारा नदियों का जलस्तर बढ़ते जाने से स्थिति गंभीर बनी हुई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि एनडीआरएफ की चार इकाइयां बचाव अभियान में मदद के लिए भुवनेश्वर से सिलचर भेजी गई हैं.

उन्होंने कहा, एनडीआरएफ की चार इकाइयां यानी कुल 105 कर्मी बराक घाटी में बचाव अभियान चलाने के लिए सिलचर भेजे गये हैं. उन्होंने इस त्वरित मदद के लिए गृहमंत्री अमित शाह को धन्यवाद दिया. कचार में 506 गांव के 2.16 लाख लोग और करीमगंज में 454 गांव के 1.47 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. राज्य में 36 में से 32 जिलों में करीब 48 लाख लोग बाढ की इस दूसरी लहर से बेहाल हैं. एएसडीएमए के अनुसार, राज्य के 36 में से 32 जिलों के 55,42,053 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. बारपेटा सबसे अधिक प्रभावित जिला है, जहां 12.51 लाख लोग प्रभावित हुए हैं.

लगातार बारिश के कारण आई बाढ़ के चलते 2.62 लाख लोगों ने 862 राहत शिविरों में शरण ली है. राहत कार्य में लगी एजेंसियों ने पिछले 24 घंटे में 11,292 लोगों एवं 27,086 मवेशियों को बाढ़ वाले क्षेत्रों से बाहर निकाला. केंद्रीय जल आयोग के बुलेटिन के अनुसार, नगांव जिले के कामपुर में कोपिली नदी और निमाटिघाट, तेजपुर, गुवाहाटी, कामरूप, ग्वालपाड़ा और धुबरी में ब्रह्मपुत्र नदी और पुथिमारी, पागलडिया, बेकी, बराक, कुशियारा नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. बारपेटा, कचार, दारांग, ग्वालपाड़ा, कामरूप (मेट्रो) और करीमगंज के शहरी इलाकों में भी बाढ़ की खबर है तथा कामरूप एवं करीमगंज में दिन में भूस्खलन हुआ. दो तटबंध टूट गये तथा 316 सड़कें एवं 20 पुल क्षतिग्रस्त हो गए हैं.

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