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मराठा समुदाय के EWS आरक्षण का जीआर हाईकोर्ट ने किया रद्द

मुंबई : मराठा समुदाय को बॉम्बे हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार के उस जीआर को रद्द कर दिया है, जिसके जरिये मराठा समुदाय के आर्थिक रूप से कमजोर तबके को ईडब्ल्यूएस आरक्षण का लाभ दिया गया था।

मराठा समुदाय को ईडब्ल्यूएस श्रेणी में शिक्षा और नौकरी में आरक्षण मिल रहा था। किसी अन्य सामाजिक आरक्षण के दायरे में नहीं आने वाले जरूरतमंद लोगों के लिए ईडब्ल्यूएस के तहत 10 प्रतिशत आरक्षण तय किया गया है।

लेकिन अब बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा जीआर रद्द किये जाने से मराठा युवा अब ईडब्ल्यूएस आरक्षण का लाभ नहीं उठा पाएंगे। सुप्रीम कोर्ट द्वारा मराठा आरक्षण को रद्द करने के बाद राज्य सरकार ने मराठा समुदाय को ईडब्ल्यूएस के तहत 10 प्रतिशत कोटा में शामिल किया था। लेकिन ईडब्ल्यूएस श्रेणी में शामिल कई लोगों ने राज्य सरकार के जीआर को चुनौती दी थी। कोर्ट ने उन याचिकाओं को स्वीकार करते हुए महाराष्ट्र सरकार के जीआर को रद्द कर दिया है।

बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले के बाद पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने प्रतिक्रिया दी है। अशोक चव्हाण ने कहा कि एसईबीसी श्रेणी के पात्र उम्मीदवारों को ईडब्ल्यूएस लाभ देने के महाविकास अघाड़ी के फैसले पर आज कोर्ट का फैसला अनपेक्षित है। उन्होंने ट्वीट कर कहा “हम मांग करते हैं कि राज्य सरकार इस निर्णय को तुरंत सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दें।”

गौरतलब है कि सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग के तहत मराठा समुदाय को दिए गए आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही रोक लगा दी है। अब मराठा समुदाय के लिए ईडब्ल्यूएस आरक्षण (EWS Resrvation) का खत्म होना दोहरा झटका माना जा रहा है।

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