नई दिल्ली: अगर आपने टैक्स बचाने के चक्कर में बड़ी मात्रा में पैसा दान किया है तो आपको चैरिटेबल ट्रस्टों में भारी मात्रा में पैसा दान करना भारी पड़ सकता है। क्योंकि भारत में इनकम टैक्स विभाग ने करीब 8,000 टैक्सपेयर्स को चैरिटेबल ट्रस्टों को दिए गए बड़े दान के कारण नोटिस जारी किया है। इनमें धर्मार्थ ट्रस्ट शामिल हैं, जो टैक्स चोरी के प्रयास के संदेह में बड़े दान दिए हैं। अधिकारियों ने बताया कि डेटा एनॉलिटिक्स से पता चला है कि ये करदाता अपनी आय और व्यय के अनुपात में दान कर रहे थे। जिन लोगों को नोटिस भेजी गई है, उनमें कंपनियों के अलावा वेतनभोगी और सेल्फ इंप्लायड भी शामिल हैं।
अफसरों का कहना है कि इन व्यक्तियों और संस्थाओं ने अपनी कमाई के अनुरूप दान नहीं किया है। दान की गई राशि उतनी ही गई है, जितनी छूट पाने या टैक्स स्लैब को कम करने के लिए आवश्यक है। अधिकारी अब स्वतंत्र टैक्स स्पेशलिस्टों की जांच कर रहे हैं , जिन्होंने इन लेनदेन की सुविधा उपलब्ध कराई।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ये नोटिस मार्च के मध्य और अप्रैल के शुरुआती दिनों में भेजे गए हैं। नोटिस उन लोगों को भेजा गया है, जो एसेसमेंट ईयर 2017-18 और 2020-21 के आयकर रिटर्न में गड़बड़ी किए हैं। कुछ और लोगों को अगले हफ्ते नोटिस जारी की जा सकती है।
अफसरों के मुताबिक टैक्सपेयर्स ने अपनी कमाई के अनुरूप दान नहीं किया है। ऐसे लोगों ने चैरिटबल ट्रस्टों को कमीशन देकर दान की रसीद ली है। विभाग उन ट्रस्टों को भी ट्रैक कर रहा है, जो टैक्सपेयर्स को फर्जी बिल ऑफर करते हैं और ऐसे चैरिटेबल ट्रस्टों पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। अगर जांच में यह गड़बड़ी पाई जाती है तो ऐसे चैरिटेबल ट्रस्टों से टैक्स छूट का स्टेटस छिन जाएगा।
बता दें टैक्सपेयर्स के लिए छूट उनकी कर योग्य आय को कम करने और कर बचाने और कुछ अच्छे लंग टर्म निवेश करने का एक व्यावहारिक तरीका है। कर छूट का दावा करके, एक टैक्सपेयर अपने टैक्स अमाउंट का पूरा या कुछ हिस्सा बचा सकता है।