903 आयकर दाताओं को वापस करना होगा किसान सम्मान अनुदान
बेगूसराय: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए कई स्तर पर काम कर रही है। लेकिन इन प्रयासों के बीच सरकार गलत तरीके से लाभ लेने वाले लोगों को भी छोड़ नहीं रही है।
इसके कारण बेगूसराय के 903 आयकरदाता मुश्किल में फंस गए हैं। इन लोगों को भारत सरकार के खाते में 30 दिनों के अंदर एक करोड़ से अधिक धनराशि जमा करना होगा। यह सभी ऐसे आयकर दाता हैं, जिन्होंने सरकार द्वारा जारी गाइड लाइन को किनारे कर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ ले लिया है। नियम के अनुसार आयकर दाताओं को किसान सम्मान निधि का लाभ नहीं मिलना था।
यह सम्मान प्रधानमंत्री द्वारा ऐसे किसानों के लिए शुरू किया गया था जो कि पूरी तरह से कृषि पर ही आश्रित हैं। लेकिन जिले में 903 ऐसे आयकरदाता हैं, जिन्होंने इस योजना का भरपूर लाभ उठाया। कई किश्त का भुगतान होने बाद सरकार को जब इसकी जानकारी मिली तो सभी को अयोग्य करार देकर राशि वापस करने का निर्देश दिया गया है। चिन्हित किए गए लोगों में 67 ने दो-दो हजार की छह किश्त तथा 353 ने दो-दो हजार की पांच किश्त ले लिया है। 267 लोगों ने दो-दो हजार का चार किश्त, 59 लोगों ने दो-दो हजार का तीन किश्त तथा शेष लोगों ने दो-दो हजार का दो एवं एक किश्त ले लिया है।
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सरकार ने सभी को चिन्हित कर सूची जिला कृषि पदाधिकारी को उपलब्ध करा दी है। इसके बाद सभी कृषि पदाधिकारी को ऐसे लोगों से 30 दिन के अंदर भारत सरकार को रुपया वापस करवाने का निर्देश दिया है जिससे किसान सम्मान निधि के लिए अयोग्य करार देकर रुपया वापस कराने के लिए चिन्हित किए गए लोगों में हड़कंप मच गया है। लाभान्वित होने वाले आयकर दाताओं में सबसे अधिक मटिहानी प्रखंड के 178 तथा सबसे कम मंसूरचक प्रखंड के 12 लोग हैं।
जबकि बछवाड़ा प्रखंड के 60, बखरी के 16, बलिया के 60, बरौनी के 49, बेगूसराय के 111, भगवानपुर के 64, वीरपुर के 25, चेरिया वरियारपुर के 55, छौड़ाही के 15, डंडारी के 24, गढ़पुरा के 30, खोदावंदपुर के 15, नावकोठी के 31, साहेबपुर कमाल के 30, शाम्हो के 37 तथा तेघड़ा के 91 लोग शामिल हैं।
जिला कृषि पदाधिकारी शैलेश कुमार ने बताया कि भारत सरकार के स्तर से एसएमएस कर संबंधित लोगों के रजिस्टर्ड मोबाइल पर सूचना दे दिया गया है और ली गई राशि भारत सरकार के भारतकोष में बैंक से ऑफलाइन या एनईएफटी द्वारा वापस करने की सुविधा दी गई है। इसके साथ ही ऑनलाइन माध्यम से भी राशि वापस की जा सकती है।
ऑनलाइन bharatkosh.gov.in/NTRP HOME के माध्यम से राशि वापस की जा सकती है। दोनों माध्यम से पैसा भारत कोष में जमा करने के बाद रिटर्न रिसिप्ट प्रखंड कृषि पदाधिकारी के माध्यम से जिला कृषि कार्यालय में जमा करना होगा।
यहां से सूची बनाकर अद्यतन रिपोर्ट भारत सरकार को भेजा जाएगा। 30 दिनों के अंदर राशि वापसी की प्रक्रिया पूरी करने के लिए सभी कृषि समन्वयक, किसान सलाहकार, प्रखंड तकनीकी प्रबंधक एवं सहायक तकनीकी प्रबंधक को भी निर्देश दिया गया है। ऑफलाइन पैसा जमा करने के लिए जहां किसानों को अपने मोबाइल से पंजीकरण कराना होगा। वहीं, ऑनलाइन माध्यम से घर बैठे, साइबर कैफे या वसुधा केंद्र के माध्यम से आसानी से किया जा सकता है। इस संबंध में पूरी प्रक्रिया की जानकारी संबंधित लोगों को दी जा रही है।
सूत्रों का कहना है कि सरकार द्वारा किसान हित में चलाए जा रहे सिंचाई योजना, केसीसी योजना, बीज विस्तार योजना, डीजल अनुदान योजना समेत तमाम योजनाओं का अगर गहन जांच-पड़ताल हो तो एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश हो सकता है। इसमें बिचौलिए से लेकर कृषि विभाग के बड़े अधिकारी तक की गर्दन फंस सकती है। कृषि विभाग में बड़े पैमाने पर दिए जा रहे अनुदान में बेगूसराय में करोड़ों रुपये का हेरफेर किया गया है। बड़े-बड़े व्यवसायी और कृषि से संबंध नहीं रखने वाले लोगों ने भी केसीसी समेत अन्य योजनाओं का लाभ लिया है।