अन्तर्राष्ट्रीय

मध्यावधि चुनाव के बाद भारत और अमेरिकी रिश्तों को मिलेगी नई गति

वाशिंगटन : अमेरिका में मध्यावधि चुनाव नतीजों के साथ ही देश में भारत को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं। विशेषज्ञों ने भारत-अमेरिकी संबंधों को लेकर कहा है कि ये रिश्ते चुनाव नतीजों से पूरी तरह अप्रभावित रहेंगे। विशेषज्ञों ने कहा कि अगले साल दोनों देशों के रिश्ते और भी अधिक गति पकड़ेंगे। ‘यूएस इंडिया स्ट्रेटेजिक एंड पार्टनरशिप फोरम’ ने जहां दोनों देशों में सुरक्षा और वाणिज्यिक रिश्तों को पहली प्राथमिकता बताया वहीं ‘हडसन इंस्टीट्यूट’ थिंक टैंक ने कहा कि मौजूदा चुनाव नतीजे विदेश नीति में निरंतरता सुनिश्चित करेंगे।

‘सीएसआईएस’ थिंक-टैंक के रिक रोसो ने कहा कि चुनाव के नतीजों और सीनेट में किसका बहुमत है इसका असर भारत-अमेरिकी रिश्तों पर नहीं पड़ना चाहिए, क्योंकि दोनों देशों के रिश्तों को दोनों दलों का समर्थन मिलता रहा है। ‘भारत-अमेरिकी कारोबार परिषद’ के अध्यक्ष अतुल कश्यप ने कहा, भारत-अमेरिकी रिश्तों को द्विदलीय समर्थन मिला हुआ है। कई ऐसे मुद्दे हैं जिन पर दोनों देशों को काम करने की जरूरत है।

सीएसआईएस थिंक-टैंक के रिक रोसो ने कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की आक्रामकता को लेकर चिंता जैसे साझा हितों के मुद्दे अमेरिका को भारत से जोड़ते हैं और इस पर चुनाव नतीजों का कोई असर नहीं होगा। हालांकि सबसे पहले हम चाहेंगे कि सीनेट भारत में अमेरिकी राजदूत नियुक्त करे।

भारतीय मूल की अमेरिकी नबीला सईद ने हाल ही में हुए अमेरिकी मध्यावधि चुनाव में इतिहास रच दिया है। वह इलिनॉइस की जनरल असेंबली में पहुंचने वाली 23 साल की सबसे कम उम्र की सदस्य बन गईं हैं। उन्होंने रिपब्लिकन विपक्षी क्रिस बोस को हराया। उन्हें इस चुनाव में इलिनॉइस स्टेट हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में 51वें डिस्ट्रिक्ट में पहुंचने के लिए 52.3 फीसदी वोट मिले। उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए ट्वीट किया, मेरा नाम नबीला सईद है। हमने रिपब्लिकन्स के कब्जे वाली सीट को पलट दिया है। उन्होंने मतदाताओं का शुक्रिया भी अदा किया।

अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) जेक सुलिवन ने कहा है कि राष्ट्रपति जो बाइडन और भारत के पीएम नरेंद्र मोदी में रचनात्मक और व्यावहारिक संबंध हैं। उन्होंने इंडोनेशिया के बाली में जी-20 शिखर सम्मेलन के इतर दोनों नेताओं की मुलाकात से पूर्व यह टिप्पणी की। सुलिवन ने व्हाइट हाउस में कहा, मैं बताना चाहूंगा कि बाइडन के राष्ट्रपति बनने से पहले ही प्रधानमंत्री मोदी व्हाइट हाउस के करीबी रहे हैं और दोनों को कई बार मुलाकात करने तथा फोन पर और वीडियो कॉल पर बात करने का अवसर मिला है।

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