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चीन के खिलाफ फिलीपींस की मदद को भारत आया आगे

मनीला : दक्षिण चीन सागर में चीन से संघर्ष के बीच भारतीय नौसेना का एक युद्धपोत फिलीपींस पहुंचा है। फिलीपींस और चीन में दक्षिण चीन सागर में स्थित द्वीपों को लेकर चरम पर तनाव है। अभी हाल में ही चीनी तटरक्षक बल के युद्धपोतों ने फिलीपीन नौसेना के पोत पर वाटर कैनन से हमला किया था। इस हमले में फिलीपीनी नौका को भारी नुकसान भी पहुंचा था। इसके बाद से दक्षिण चीन सागर में फिलीपींस ने अपनी नौसैनिक उपस्थिति को बढ़ा दिया है। इस बीच फिलीपींस की राजधानी मनीला में भारतीय युद्धपोत के पहुंचने को काफी अहम घटना माना जा रहा है। भारत और फिलीपींस के बीच रणनीतिक रूप से काफी मजबूत संबंध हैं। भारत ने हाल में ही फिलीपींस को सात स्वदेशी एएलएच मार्क-3 हेलीकॉप्टर ऑफर किया है।

रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय नौसेना का कामोर्टा क्लास का पनडुब्बी रोधी कॉर्वेट आईएनएस कदमत फिलीपींस की राजधानी मनीला पहुंचा है। आईएनएस कदमत इन दिनों इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में भारत के हितों की रक्षा के लिए गश्त लगा रहा है। यह आईएनएस कदमत की दूसरी फिलीपींस यात्रा है। इससे पहले यह युद्धपोत अक्टूबर 2017 में भी फिलीपींस पहुंचा था। 13 दिसंबर यानी आज भारतीय युद्धपोत आईएनएस कदमत और फिलीपीन नौसेना के बीआरपी रेमन अलकराज के बीच पश्चिम फिलीपीन सागर में एक समुद्री साझेदारी अभ्यास भी प्रस्तावित है।

मंगलवार को फिलीपींस में भारत के राजदूत शंभू कुमारन ने इस क्षेत्र में फिलीपींस के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि इंडो-पैसिफिक क्षेत्र भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने उन्होंने साथी लोकतंत्रों के रूप में दोनों देशों के घनिष्ठ संबंधों पर प्रकाश डालते हुए भारत और फिलीपींस के बीच मजबूत साझेदारी का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि क्षेत्र की शांति और स्थिरता में हमारा साझा हित है। इसलिए आप उम्मीद करेंगे कि भारत एक मजबूत नौसेना और समुद्री सुरक्षा जुड़ाव जारी रखेगा।”

पश्चिमी फिलीपीन सागर में हाल की घटनाओं के बाद, कुमारन ने नियम-आधारित व्यवस्था और अंतरराष्ट्रीय कानून के सम्मान का भी आह्वान किया। उन्होंने कहा, “हम यह सुनिश्चित करने के प्रयासों में अपने फिलीपीन मित्रों का पूरा समर्थन करते हैं कि समुद्र में जो कुछ भी होता है वह समुद्र के संविधान का सम्मान करता है।” आईएनएस कदमत भारतीय नौसेना का दूसरा जहाज है जो स्टील्थ एंटी-सबमरीन तकनीक से लैस है। इसे भारत की पूर्वी नौसैनिक कमान को सौंपा गया है। यह युद्धपोत 13 दिसंबर तक मनीला में रहेगा।

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