2022 में सबसे ज्यादा इंटरनेट शटडाउन वाले देशों की सूची हुई जारी, टॉप पर रहा भारत
नई दिल्ली : इंटरनेट एडवोकेसी वॉचडॉग ऐक्सेस नाउ ने पिछले साल सर्वाधिक इंटरनेट शटडाउन करने वाले देशों की सूची जारी की है जिसमें भारत (84 बार) शीर्ष पर रहा। भारत के बाद यूक्रेन (22), ईरान (18), म्यांमार (7), बांग्लादेश (6), जॉर्डन (4), लीबिया (4), सूडान (4) और तुर्कमेनिस्तान (4) का स्थान है। 2022 में 35 देशों ने कम-से-कम 187 बार इंटरनेट शटडाउन किए।
इंटरनेट सर्विस ठप होने को लेकर मंगलवार को जारी एक ग्लोबल रैंकिंग रिपोर्ट में भारत इस बार भी पहले स्थान पर रहा है। इंटरनेट एडवोकेसी के क्षेत्र में काम करने वाली एजेंसी एक्सेस नाउ और कीप इटऑन की संयुक्त रिपोर्ट के मुताबिक साल 2022 में भारत में सबसे ज्यादा बार इंटरनेट पर पाबंदी लगाई गई है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत सरकार ने विरोध-प्रदर्शनों, परीक्षा और चुनाव समेत कई और वजहों से इंटरनेट बंद करने का आदेश जारी किया था।
रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2016 के बाद से दुनिया भर में किए गए इंटरनेट शटडाउन के कुल मामले का करीब 58 फीसदी अकेले भारत में हुआ था। दुनिया भर में बीते साल 2022 में इंटरनेट शटडाउन होने के कुल 187 मामले सामने आए। इनमें 84 मामले भारत में सामने आए। रिपोर्ट के मुताबिक साल 2022 में भारत में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में सबसे ज्यादा 49 बार इंटरनेट बंद किया गया था। जम्मू-कश्मीर में वर्ष 2022 में जनवरी और फरवरी के बीच या दो महीने में ही एक के बाद एक 16 बार इंटरनेट बंद किया गया था। वहीं राजस्थान में अलग-अलग मौकों पर 12 बार इंटरनेट बंद किया गया। पश्चिम बंगाल में 7 बार इंटरनेट शटडाउन का आदेश दिया गया था।
साल 2021 में किसान आंदोलन के दौरान राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में लंबे समय तक इंटरनेट शटडाउन किया गया था। उस साल दुनिया भर में कुल 30 हजार घंटे के लिए इंटरनेट बंद किया गया था। इससे 5.45 बिलियन डॉलर यानी करीब 40,300 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। इसके साथ ही दुनिया भर में इंटरनेट शटडाउन होने से 5.9 करोड़ लोगों पर बुरा असर हुआ था। नुकसान झेलने के मामले में भारत दुनिया भर में तीसरे स्थान पर था। साल 2021 में भारत में 1,157 घंटे इंटरनेट बंद रहा था।
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में साल 2016 के बाद से लगातार इंटरनेट शटडाउन किया जा रहा है। मौजूदा समय में दूरसंचार सेवाओं के अस्थायी निलंबन (सार्वजनिक आपातकाल या सार्वजनिक सुरक्षा) नियम, 2017 के तहत इंटरनेट शटडाउन के आदेश दिए जाते हैं। DoT की ओर से बनाए गए नियम कहते हैं कि इंटरनेट का अस्थायी निलंबन सार्वजनिक आपातकाल या सार्वजनिक सुरक्षा के कारण हो सकता है। देश में इंटरनेट शटडाउन का अधिकार केंद्रीय और राज्य स्तर पर गृह मंत्रालय के पास है।