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शीर्ष सरकारी अधिकारी डॉ. राकेश कुमार वत्स की डिग्री पर उठे सवाल, शिकायत के बाद जांच शुरू

नई दिल्ली: शीर्ष सरकारी अधिकारी डॉक्टर राकेश कुमार वत्स के खिलाफ केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को शिकायत मिली है। जानकारी मिली है कि शिकायत में उनकी एजुकेशन डिग्री पर सवाल उठाए गए हैं। खास बात है कि डॉक्टर वत्स को स्वास्थ्य मंत्रालय के सबसे शक्तिशाली अधिकारियों में से एक माना जाता है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उनके खिलाफ संसद में नियम 377 के तहत शिकायत दर्ज कराई गई है।

शिकायत में डॉक्टर वत्स की पोस्ट ग्रेजुएशन डिग्री की वास्तविकता पर सवाल उठाए गए हैं। वे मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (MCI) की जगह लेने वाली नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) के पहले महासचिव थे। साल 2019 का यह बदलाव डॉक्टर वत्स की ही देखरेख में हुआ था। जून 2021 में उन्होंने NMC से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद पद पर 2003 बैच की IAS अधिकारी संध्या भुल्लर को नियुक्त किया गया था।

1986 बैच के IAS अधिकारी डॉक्टर वत्स स्वास्थ्य मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव थे। इसके अलावा उनके पास खाद्य, दवाओं और चिकित्सा उपकरण से जुड़े विभागों का भी विशेष प्रभार था। वे मंत्रालय के वित्तीय सलाहकार भी थे। मामले के जानकार एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि जांच जारी है। स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया जल्द इस मुद्दे पर बैठक करने जा रहे हैं।

बता दें कि सरकारी दस्तावेजों में डॉक्टर वत्स की शिक्षा MBBS (मेडिसिन) दर्ज है। USA-India Chamber of Commerce वेबसाइट पर उनकी प्रोफाइल में MD के तौर पर दिखाया गया है। यह एक पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स है। MBBS पूरी करने के बाद उम्मीदवार यह पढ़ाई कर सकते हैं। यह भी दावा किया गया है कि प्रशासन में शामिल होने से पहले उनके पास रेडियोथैरेपी विभाग में 3 साल काम करने का अनुभव है। स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत डॉक्टर NMC समेत चार अहम संगठनों की अगुवाई कर चुके हैं।

शांत और समर्पित माने जाने वाले डॉक्टर वत्स ने सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (CGHS) के महासचिव का पद संभाला। साथ ही वे एचएलएल लाइफकेयर लिमिटेड में चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर भी रह चुके हैं। वे नेशनल फार्मास्यूटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (NPPA) के अध्यक्ष भी थे।

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