उत्तराखंड

जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज हुए ब्रह्मलीन, CM धामी ने जताया दुख

जोशीमठ का नाम ज्योतिर्मठ करने पर स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को दिया था आशीर्वाद

देहरादून: शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का निधन हो गया है। मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर के झोतेश्वर मंदिर में उन्होंने अंतिम सांस ली। वे 98 साल पूरे कर चुके थे और उन्होंने 99वें साल में प्रवेश किया था वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे।

स्वरूपानंद के निधन पर उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने दुख जताया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “सनातन धर्म के ध्वजवाहक पूज्य शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी के देहावसान का दु:खद समाचार प्राप्त हुआ। स्वामी जी का निधन संत समाज के साथ ही पूरे राष्ट्र के लिए एक अपूरणीय क्षति है। मैं प्रभु शिव से पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान देने की प्रार्थना करता हूं।

शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती को उत्तराखंड के सनातनी वैभव से उन्हें विशेष लगाव था और उन्होंने पिछले साल मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा चमोली जिले के जोशीमठ का नाम ज्योतिर्मठ करने संबंधी निर्णय करने पर उन्हें आशीर्वाद देते हुए उनका अभिनंदन किया था। मुख्यमंत्री धामी ने भारतीय आध्यात्मिक प्रतीकों और नामकरण को एक सार्थक आयाम देते हुए ही जोशीमठ का नाम बदलकर ज्योतिर्मठ करने की घोषणा की थी।

स्वरूपानंद के निधन पर उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने दुख जताया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “सनातन धर्म के ध्वजवाहक पूज्य शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी के देहावसान का दु:खद समाचार प्राप्त हुआ। स्वामी जी का निधन संत समाज के साथ ही पूरे राष्ट्र के लिए एक अपूरणीय क्षति है। मैं प्रभु शिव से पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान देने की प्रार्थना करता हूं।

पिछले साल उत्तराखंड के मुख्यमंत्री आवास में ज्योतिष और द्वारकापीठ के जगदगुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य प्रतिनिधि अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती द्वारा मुख्यमंत्री को भेजे पत्र को ब्रह्मचारी मुकंदानंद ने मुख्यमंत्री को सौंपा था। इस पत्र में उन्होंने मुख्यमंत्री के इस कदम के लिए साधुवाद देते हुए उनका अभिनंदन किया था।

पिछले साल अपने चमोली भ्रमण के दौरान मुख्यमंत्री धामी ने बदरीनाथ धाम के महत्वपूर्ण पड़ाव जोशीमठ का नाम ज्योतिर्मठ करने की घोषणा के दौरान कहा था कि जोशीमठ चार धाम का प्रमुख पड़ाव है और इस पौराणिक नगरी का नाम पहले ज्योतिर्मठ ही था। आपको बता दें कि इससे पहले चमोली जिले में घाट विकासखंड का नाम बदलकर नंदानगर किया गया था।

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