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जापान ने चीनी ड्रोन को खदेड़ा, ताइवान के पास भरी थी उड़ान

नई दिल्ली: चीन जापान के बीच विवाद बहुत पुराना है. दोनों देशों के बीच युद्ध भी हो चुका है. चीन जापान के खिलाफ अक्रामक रहा है. पिछले कुछ महीनों में विवाद और भी गहरा गया है. चीन जापान में फाइटर जेट के जरिए घुसपैठ करता रहा है. अब जापान आइसलैंड के पास एक चीनी ड्रोन स्पॉट किया गया है.

योनागुनी और ताइवान के बीच इस संदिग्ध ड्रोन को देखा गया है. जापान के एयर फोर्स ने हालांकि ड्रोन को चेज किया. जापान रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, मंगलवार को चीनी ड्रोन को देखा गया. मंत्रालय के मुताबिक चीनी ड्रोन ने बाशी चैनल की ओर उड़ान भरी थी, जो ताइवान को फिलीपींस से अलग करता है.

चीन की तरफ से जापान में घुसपैठ की कहानी नई नहीं है. पिछले साल मई महीने में चीनी सेना ने जापान आइसलैंड के पास बड़े स्तर युद्धाभ्यास किया था. पिछले साल चीन ने सैकड़ों बार जापान के एयर स्पेस में घुसपैठ की थी. द डिप्लोमेट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल शुरुआती 6 महीने में 446 बार चीनी जेट घुसपैठ की थी. 2016 के शुरुआती 6 महीने में 595 बार घुसपैठ की घटना दर्ज की गई थी.

रूस जापान के बीच भी संबंध ठीक नहीं है. पिछले साल क्वाड समिट के मद्देनजर जापान के पास चीन और रूस ने युद्धक विमान भेज दिया था. पूर्वी चीन सागर और जापान सागर के पास दो शियान-6 युद्धक विमान स्पॉट किया गया था. उसी दिन रूस का Il-20 इलेक्ट्रोनिक इंटेलिजेंस एयरक्राफ्ट जापान सागर में देखा गया था. ये साफ है कि अगर चीन ताइवान के साथ निपटने की कोशिश भी करता है तो उसे जापान के साथ भी उलझना पड़ेगा.

चीन जापान के बीच विवाद बहुत पुराना है. मघ्य युग में माना जाता है कि जापान ने चीन के साथ काफी बर्बरता की है. चीन जापान का कभी उपनिवेश रहा है. चीन का दावा रहा है कि जापान ने चीन को तबाह बर्बाद किया है. पूर्वी एशिया में दबदबे को लेकर दोनों ने देशों के बीच पुरानी खींचतान रही है. माना जाता है कि चीन अक्रामकता को देखते हुए जापान किसी भी अनहोनी से निपटने के लिए तैयारी कर रहा है.

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