नई दिल्ली: जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड (जेएसपीएल) की अपने छत्तीसगढ़ के रायगढ़ स्थित संयंत्र में कोयला गैसीकरण (कोयले को गैस में बदलना) संयंत्र स्थापित करने की योजना है। यह देश में इस तरह का दूसरा संयंत्र होगा।
कंपनी ओडिशा के अंगुल स्थित अपने संयंत्र में इस्पात उत्पादन के लिए कोयला गैसीकरण प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल पहले से कर रही है। 20 लाख टन सालाना उत्पादन क्षमता वाला यह संयंत्र 2018 में शुरू हुआ था और यह देश का पहला और इकलौता ऐसा संयंत्र है जहां इस प्रौद्योगिकी के जरिये और घरेलू कोयले के इस्तेमाल से इस्पात उत्पादन होता है।
जेएसपीएल के प्रबंध निदेशक वी आर शर्मा ने कहा, ‘‘कोयले के उपयोग के विविधीकरण को बढ़ावा देने के हमारे मिशन के हिस्से के रूप में हम रायगढ़ में अपने संयंत्र में एक और कोयला गैसीकरण संयंत्र स्थापित करेंगे।” इसके लिए निवेश के संभावित आंकड़े के बारे में उन्होंने कहा कि यह आकलन के बाद ही तय हो सकेगा।
गैसीकरण प्रक्रिया के बारे में शर्मा ने कहा कि कोयले को सिनगैस में परिवर्तित किया जाता है जिसका इस्तेमाल ऊर्जा, पेट्रोल, डीजल और अन्य पेट्रोलियम उत्पादों के उत्पादन में होता है। उन्होंने कहा कि कोयला गैसीकरण के जरिये भारत किफायती हाइड्रोजन का उत्पादन भी कर सकता है। शर्मा ने कहा, ‘‘हमारा उद्देश्य है कि अपनी क्षमता का कम से कम 50 प्रतिशत इस्पात उत्पादन हम इस तरह की हरित प्रौद्योगिकियों के जरिये करें।”