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J&K: बार्डर पर तस्कर बने आतंकियों के मददगार, बड़ी साजिश की आशंका
इंटरनेशनल बार्डर पर आतंकियों के लिए मदद करने वाले ओवरग्राउंड वर्करों की सक्रियता बढ़ गई है। बार्डर से नशा तस्करी करने वाले ही ओजी वर्करों का काम कर रहे हैं। जम्मू, सांबा और कठुआ जिलों में इनकी सक्रियता बहुत तेजी से बढ़ गई है, जिसका आतंकी संगठन लाभ उठा रहे हैं। ऐसे वर्कर खुफिया एजेंसियों के रडार पर हैं।
यहीं एक बड़ा कारण है कि इन तिनों जिलों में आतंकियों ने घुसपैठ के लगातार प्रयास किए हैं। दो बार आतंकी सफल भी हो गए। इसमें सांबा और नगरोटा में हुआ आतंकी हमला शामिल हैं। ओवरग्राउंड वर्करों की मदद से ही आतंकी यह हमले करने में सफल हो पाए।
सूत्रों का कहना है कि नोटबंदी के बाद क्रास बार्डर ड्रग तस्करी में शामिल लोगों के पास पैसों के लाले पड़ गए हैं। इसलिए अब यह आतंकियों की मदद करने में जुट गए हैं। पुराने नोट बंद होने की वजह से नई खेप लेने के लिए यह आतंकियों को मदद पहुंचा रहे हैं।
सूत्रों का कहना है कि नोटबंदी के बाद क्रास बार्डर ड्रग तस्करी में शामिल लोगों के पास पैसों के लाले पड़ गए हैं। इसलिए अब यह आतंकियों की मदद करने में जुट गए हैं। पुराने नोट बंद होने की वजह से नई खेप लेने के लिए यह आतंकियों को मदद पहुंचा रहे हैं।
घुसपैठ करने के लिए कौन सा एरिया सेफ है, इसकी जानकारी भी दी जा रही है। नगरोटा हमले की जांच करने वाले सीआई ने एक वर्कर को पकड़ा भी है। यह वर्कर आतंकियों के लिए काम करता था। ऐसे ही कई वर्कर हैं, जो आतंकी संगठनों के लिए काम कर रहे हैं।
सूत्रों का यह भी कहना है कि आतंकियों का अगला निशाना फिर से तीसरी बार पंजाब हो सकता है। वह इस बार पंजाब बार्डर से घुसपैठ कर हमला करने की फिराक में हैं, क्योंकि ओवर ग्राउंड वर्कर आतंकियों की घुसपैठ कराने के लिए हर तरह से कोशिश में जुटे हुए हैं।
आतंकियों की किसी भी साजिश के लिए देश की तमाम सुरक्षा एजेंसियां पहले ही एलर्ट पर हैं, साथ ही सीमा पर तैनात सशस्त्र बलों को भी हर अप्रिय स्थिति से पूरी सख्ती से निपटने के निर्देश दिए गए हैं।
आतंकियों की किसी भी साजिश के लिए देश की तमाम सुरक्षा एजेंसियां पहले ही एलर्ट पर हैं, साथ ही सीमा पर तैनात सशस्त्र बलों को भी हर अप्रिय स्थिति से पूरी सख्ती से निपटने के निर्देश दिए गए हैं।