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कश्मीर टाइगर्स ने किया था पुलिस बस पर आतंकी हमला, नया नाम और वही काम

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में सोमवार शाम को पुलिस की बस पर हुए आतंकी हमले में प्रशासन ने ‘कश्मीर टाइगर्स’ नाम के संगठन का हाथ बताया है। अगस्त, 2019 में आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद से यह अब तक का सबसे बड़ा आतंकी हमला है। इस हमले में 14 जवान घायल हुए थे, जिसमें 3 शहीद हो चुके हैं। इसके अलावा अस्पताल में 11 लोगों का इलाज चल रहा है और उनमें से भी कई की हालत गंभीर बनी हुई है।

इस हमले को अंजाम देने वाले कश्मीर टाइगर्स का नाम कम ही लोग जानते हैं। पहली बार यह इसी साल जनवरी में ही चर्चा में आया था। जम्मू कश्मीर पुलिस का कहना है कि यह खूंखार आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का ही शैडो ग्रुप है। इसी साल जून में दक्षिण कश्मीर में हुए एक ग्रेनेड अटैक की जिम्मेदारी इस आतंकी संगठन ने ली थी। अगस्त 2019 के बाद से पुलिस ने कई नए आतंकी संगठनों का जिक्र किया है, इनमें से एक द रेजिस्टेंस फ्रंट है और दूसरा संगठन है, पीपुल अगेंस्ट फासिस्ट फोर्सेज। इन सभी संगठनों का ताल्लुक कुख्यात आतंकी समूहों हिजबुल मुजाहिदीन, लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद से है। सुरक्षा बलों का कहना है कि आतंकी संगठनों ने अपनी रणनीति को बदला है। अब वे पहले के जिहादी टाइप नामों से संगठन नहीं बना रहे हैं। अब वे ऐसे नाम रख रहे हैं, जो कट्टरता से अलग दिख रहे हों।

क्यों नाम बदलकर दहशतगर्दी फैला रहे आतंकी संगठन
ऐसा ही एक अलग संगठन यह कश्मीर टाइगर्स भी है, जो जैश-ए-मोहम्मद का शैडो संगठन बताया जा रहा है। सुरक्षा बलों का कहना है कि नए नामों से बने इन संगठनों के पीछे भी एक डिजाइन है। एक अधिकारी ने कहा, ‘कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान दबाव में है, लेकिन फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की अनदेखी भी नहीं कर सकता है।’ ऐसे में उसने यह नया तरीका निकाला है। लश्कर और जैश-ए-मोहम्मद के नामों से ही पता लगता था कि वे कट्टर मजहबी संगठन हैं। ऐसे में आतंकियों ने पाकिस्तान के साथ मिलकर नई रणनीति तैयार की है। अब वे ऐसे नाम रख रहे हैं, जो सेक्लुयर और मूल पहचान से जुड़े दिखाई दें।

प्लानिंग से किया था पुलिस बस पर अटैक, हर दिन निकलने की है वही टाइमिंग
इसके अलावा ये संगठन दिखाने का प्रयास कर रहे हैं कि जैसे घाटी में आतंकियों की बड़ी संख्या है। लेकिन असल में यह अब काफी कम हो गई है और 150 के करीब आतंकी ही बचे हैं। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि यहां फिलहाल 3 से 4 समूह हैं, जो नाम बदलकर एक्टिव हैं। इस बीच कश्मीर के आईजी विजय कुमार ने रविवार को हुए आतंकी हमले को साजिश करार दिया है। उन्होंने कहा कि पुलिस टीम आमतौर पर शाम को एक ही समय पर ड्यूटी करके लौटती है। आतंकियों ने पहले से ही हमले की प्लानिंग कर रखी थी। पंथा चौक पर पुलिस बस के पहुंचते ही उन्होंने उस पर घात लगाकर हमला कर दिया।

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