उत्तराखंड

जाने जागेश्वर धाम से जुड़ी कौन सी विशेष इच्छा को पूर्ण करना चाहते हैं पीएम मोदी

देहरादून: भारतीय प्रधानमंत्री 12 अक्टूबर को 12 बजे जागेश्वर, जिला अल्मोड़ा पहुंचेंगे, जहां वे जागेश्वर धाम में पूजा और दर्शन करेंगे। लगभग 6200 फीट की ऊंचाई पर स्थित जागेश्वर धाम में लगभग 224 पत्थर के मंदिर हैं। मानसखंड मंदिर माला मिशन योजना के तहत जागेश्वर धाम की भव्यता को निखारने का लक्ष्य पहले ही निर्धारित हो चुका है।

समुद्र तल से 1800 मीटर की ऊंचाई पर घने देवदार पेड़ो के बीच है स्थित है जागेश्वर धाम। अल्मोड़ा के जागेश्वर धाम को पीएम मोदी के दौरे से पहले सजाया और संवारा जा रहा है। धाम में 150 कर्मचारियों को साफ सफाई के साथ-साथ रंगाई- पुताई का काम कर रहे है। ताकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे से पहले मंदिर की खूबसूरती को और अधिक निखारा जा सके।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यात्मिक गहराईयों से सभी वाकिफ हैं। उत्तराखंड की यात्रा के पहले प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात में जागेश्वर धाम से जुड़ी अपनी एक विशेष ख्वाहिश रखी थी जिसको पूरा करने के लिए यहां की प्रबंधन समिति ने जोर-शोर से तैयारीयां की हैं । प्रधानमंत्री मोदी ने जागेश्वर धाम के इतिहास का “सार” सुनने की इच्छा जताई है और उसके बाद प्रबंधन समिति ने यहां के मंदिर समूह और ज्योतिर्लिंगों के इतिहास का रोचक सार तैयार किया है । इसमें मंदिर की अद्वितीय और अलौकिक कलाकृति का भी वर्णन है।

जल्द ही यह सार प्रशासन के माध्यम से एसपीजी के पास पहुंच जाएगा। पीएम मोदी को यह सार किसी वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी द्वारा सुनाया जाना है। प्रधानमंत्री के जागेश्वर धाम आने की तैयारियां अंतिम चरण में है और मंदिर समिति और पुजारी प्रतिनिधि इसका विशेष ध्यान रख रहे हैं। एसपीजी के साथ बैठक के बाद मंदिर समिति ने बताया है कि प्रधानमंत्री मोदी करीब 22 मिनट मंदिर परिसर में रहेंगे और इस दौरान उन्होंने विधि विधान से पूजन के अलावा मंदिर का पौराणिक इतिहास मंदिर परिसर में ही बैठकर सुनने की इच्छा व्यक्त की है।

मंदिर के पुजारी के मुताबिक जागेश्वर धाम में मुख्य तौर पर शिव, विष्णु ,शक्ति और सूर्य देव की पूजा होती है। दंडेश्वर मंदिर , चंडिका मंदिर, जागेश्वर मंदिर, कुबेर मंदिर, महामृत्युंजय मंदिर , नंदा देवी या नवदुर्गा नवग्रह मंदिर और सूर्य मंदिर यहां के प्रमुख मंदिर हैं। पुष्टि माता और भैरव देव मंदिर का विशेष महत्व का है। यहॉ के मंदिरों का महत्व और स्थापना की जानकारी भी प्रधानमंत्री को दी जाएगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जागेश्वर धाम के इतिहास का सार संस्कृति और हिंदी दोनों भाषाओं में सुनाया जाएगा । मंदिर प्रबंधन ने कहा है कि माननीय प्रधानमंत्री जी को बताया जाएगा कि जागेश्वर धाम के उत्तर में वृद्ध जागेश्वर मंदिर और पूर्व में कोटेश्वर स्थित है। इस प्रकार प्रधानमंत्री देवभूमि की भक्तिमय तरंगों से सराबोर होकर अपनी आध्यात्मिक चेतना को और अधिक परिष्कृत करेंगे ।

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