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सीएम आवास का शुद्धिकरण पिछड़ों का अपमान: लौटन राम

लखनऊ। सत्ता परिवर्तन के बाद 2017 में योगी आदित्यनाथ द्वारा मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद 20 मार्च 2017 को 5 कालिदास मार्ग स्थित सी0एम0 आवास का 9 दिनों तक शुद्धिकरण कराया गया। जिसेिि पछड़े-दलित वर्ग का सामाजिक अपमान मानते हुए पिछड़े वर्ग के संगठनों ने काली पट्टी बांधकर दारूलशफा व 19 विक्रमादित्य मार्ग से हजरतगंज स्थित अम्बेडकर प्रतिमा तक प्रतिकार मार्च निकाला।

राष्ट्रीय निषाद संघ के राष्ट्रीय सचिव चौ0 लौटन राम निषाद ने कहा कि 5 कालिदास मार्ग का शुद्धिकरण कराया जाना पिछड़ों-दलितों का सामाजिक अपमान है। जब सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव जी के साथ संघ व भाजपा के लोग अछूत जैसा सामाजिक दुव्र्यवहार कर सकते हैं तो गाय भैंस, भेड़, बकरी चराने वाले, मछली मारने वाले, हज्जामी करने वाले, जूता पालिश करने वाले, खेत-खलिहानों में मेहनत करने वालो आदि के साथ कैसा व्यवहार करेंगे, इससे इनकी नीचता का अंदाजा लगाया जा सकता है।

राष्ट्रीय निषाद संघ के राष्ट्रीय सचिव लौटन राम निषाद ने काला दिवस कार्यक्रम में शामिल प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए कोरोना के सम्बन्ध में कहा कि भाजपा की संविधान, लोकतंत्र, व सामाजिक न्याय विरोधी नीतियों के विरूद्ध पिछड़े-दलित, छात्र नौजवान व किसानों के आन्दोलन केा निष्प्रभावी करने के लिए यह संघीय षडयन्त्र है।

गणेश की मूर्ति को दूध पिलाने वाले लोगों ने ही कोरोना के नाम पर जनान्दोलन को कुंद करने के लिए आपातकाल जैसी स्थिति पैदा की है। जिसकी जितनी संख्या भारी उसकी उतनी हिस्सेदारी एवं सेन्सस-2021 में जातिगत आधार पर जनगणना कराने की मांग को लेकर भविष्य में जोरदार आन्दोलन किया जायेगा। ब्लॉक प्रमुख लाल प्रताप यादव ने 20 मार्च को इतिहास में काला दिवस बताते हुए कहा कि शुरू से ही आर0एस0एस0 व संघ की पिछड़ों-दलितों-आदिवासी महापुरूषों व नायकों के प्रति दुर्भावनापूर्ण कार्यशैली रही है।

शिवाजी का राज्याभिषेक गागा भट्ट द्वारा बांये पैर के अंगूठे से करना तथा ब्राम्हण मित्र की बारात से अपमानित कर क्रान्ति सूर्य ज्योतिबा फूले जी को बाहर करना सामाजिक अपमान का प्रमाण है। बिहार सूबा में 26 प्रतिशत पिछड़ों को जननायक कर्पूरी ठाकुर जी द्वारा आरक्षण कोटा देने पर यह नारा ”ई आरक्षण कहाँ से आइल, कर्पूरिया क माई बियाइल व कर्पूरी गद्दी छोड़ो छूरा लो दाढ़ी बनाओ का नारा पिछड़े वर्ग के नायकों का सामाजिक अपमान है।

पूनम मौर्या ने कहा कि जब 13 अगस्त 1990 को बी0पी0 सिंह की सरकार द्वारा पिछड़े वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया गया तो जगह-जगह सांड़, बैल, कुत्ता, सूअर, भैंस आदि के ऊपर लालू प्रसाद यादव, मुलायम सिंह यादव, शरद यादव, की नाम पट्टिका चिपकाया जाना हमारे नायकों का अपमान है।
राजेश विश्वकर्मा व कृष्णा दास लोधी ने भाजपा द्वारा फूलन देवी के हत्यारे शेर सिंह राणा को क्षत्रिय कुल गौरव घोषित करना व भाजपा का स्टार प्रचारक बनाया जाना वर्ण व्यवस्था का जीवंत प्रमाण है। शिव कुमार यादव व राधा यादव ने कहा कि मण्डल विरोधी भाजपा व संघ कभी पिछड़ों, वंचितों के हितैषी नहीं हो सकते।वोट के लिए भाजपा पिछड़ों, दलितों को हिन्दू तो बताती है पर सत्ता प्राप्ति के बाद दरकिनार कर दोयम दर्जे का बर्ताव करने लगती है। राम मन्दिर ट्रस्ट में किसी पिछड़े को शामिल न करना उसके असली नजरिये का प्रतीक है। विरोध प्रदर्शन में यशेन्द्र राजपूत, प्रवेश कुमार यादव, गोपाल दास लोधी, पंचम चौधरी, बीरपाल यादव, ज्ञानचन्द यादव, संतोष रायकवार, श्याम नरायण बिन्द, राहुल सिंह चौहान, प्रदीप कुमार, राजा पाल, मो0 रिजवान,अविरल यादव, कृष्णा दास लोधी, राकेश कटियार, राकेश पाल, सुशीला राजभर आदि सहित सैकड़ों लोग शामिल रहे। पुलिस बल के बल पर पिछड़े दलित समाज के आन्दोलन को दबाने का योगी सरकार की जो तानाशाही की गयी है, भविष्य में उसका मूंहतोड़ जवाब दिया जायेगा।

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