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गांव की गलियों में सीखा क्रिकेट, दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ Team India में मिली जगह

पटना : हिंदुस्तान में क्रिकेट ज्यादातर युवाओं की पहली पसंद है, क्रिकेट खेलने के शौकीन कई युवा हैं लेकिन क्रिकेट में कैरियर बनाना खेलने जैसा आसान नहीं है। काफी संघर्ष के बाद गोपालगंज के छोटे से गांव के खिलाड़ी मुकेश ने इंडिया क्रिकेट टीम में जगह बनाई है। पूरे देश में क्रिकेट खिलाड़ी मुकेश की चर्चा हो रही है। मुकेश बचपन से ही क्रिकेट खेलने के शौकीन थे। क्रिकेट खेलने पर उन्हें पिता और चाचा की डांट सुननी पड़ती थी। मुकेश के क्रिकेट खेलने के जुनून ने उन्हें क्रिकेट टीम जगह दिला ही दी। मुकेश कुमार ने न्यूजीलैंड-ए के खिलाफ पहले ‘अनाधिकृत’ टेस्ट मैच में शानदार बालिंग की थी। अब वह टीम इंडिया के लिए साउथ अफ्रीका के खिलाफ टी खेलेंगे।

6 अक्टूबर को साउथ अफ्रीका के खिलाफ भारतीय टीम वनडे मैचों की सीरीज़ खेलेगी। इस वनडे सीरीज़ में साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेलने के लिए मुकेश कुमार और रजत पाटीदार को मौका दिया गया है। वन डे सीरीज़ में टीम इंडिया के लिए शिखर धवन कप्तानी करेंगे। 27 वर्षीय मुकेश कुमार राइट ऑर्म मीडियम बॉलर हैं, इसके साथ ही वह राइट हैंड बल्लेबाजी भी करते हैं। होम क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करने की वजह मुकेश कुमार को वन डे सीरीज के लिए भारतीय टीम में साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेलने के लिए शामिल किया गया है।

मुकेश कुमार के क्रिकेट प्रदर्शन की बात की जाए तो उन्होंने 30 फर्स्ट क्लास मैचों में 109 विकेट झटके हैं। इसके साथ ही वह 5 पारी में 5 विकेट के साथ 4 बार पारी में 4 विकेट झटक कर शानदार प्रदर्शन कर चुके हैं। मुकेश कुमार का एवरेज 22.50 और इकॉनॉमी 2.75 रही है, वह उनका स्ट्राइक रेट 48.9 रहा है। इसके अलावा वह 18 लिस्ट-ए मैचों 17 विकेट में अपने नाम कर चुके हैं। इन मैचों के दौरान उनका 44.00 वहीं 51 स्ट्राइक रेट रहा है। मुकेश कुमार ने 17 टी-20 मैचों में 19 विकेट झटक चुके हैं। मुकेश कुमार का टी-20 फॉर्मेट में एवरेज 24.05 और इकॉनॉमी 7.25 की रही है। इसके अलावा मुकेश कुमार का टी-20 फॉर्मेट में बेस्ट बॉलिंग फिगर 33 रन देकर 3 विकेट रहा है।

मुकेश कुमार गोपालगंज जिले के काकड़कुंड गांव के रहने वाले हैं। चार दिन का डेब्यू मैच चिन्नास्वामी स्टेडियम (बैंगलुरू) में खेला गया था। बैंगलुरू के चिन्नास्वामी स्टेडियम में हुए क्रिकेट मैच में मुकेश कुमार के प्रदर्शन की सभी लोगों ने खूब तारीफ़ की थी। स्थानीय लोगों की मानें तो मुखेश कुमार बचपन से ही क्रिकेट खेलने का शौकीन था, वह गांव ( काकड़कुंड ) की गलियों में ही क्रिकेट खेलने लग जाया करता थै।

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