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आज रात 08 बजकर 44 मिनट से शुरू होगा चंद्र ग्रहण

नई दिल्ली : आज वैशाख पूर्णिमा के दिन साल का पहला चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। चंद्र ग्रहण की शुरुआत आज रात 08 बजकर 44 मिनट से होगी। ज्योतिशास्त्र की गणना के मुताबिक यह ग्रहण तुला राशि और स्वाति नक्षत्र में लगेगा। इस चंद्र ग्रहण की कुल अवधि लगभग 4 घंटे और 15 मिनट की रहेगी।

यह ग्रहण एक उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा जिसमें चांद पर एक धुंधली सी छाया नजर आएगी। आपको बता दें कि चंद्र ग्रहण तीन तरह का होता है। पूर्ण चंद्र ग्रहण, आंशिक चंद्र ग्रहण और पेनुमब्रल चंद्र ग्रहण। इस ग्रहण को एशिया, ऑस्ट्रेलिया, रूस, अमेरिका, उत्तरी अफ्रीका और यूरोप के कुछ हिस्सों में देखा जा सकेगा। भारत में यह ग्रहण नहीं दिखाई देगा। ज्योतिष शास्त्र में इस उपच्छाया चंद्र ग्रहण को ग्रहण की श्रेणी में नहीं रखा जाता है। इस कारण से इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा।

चंद्र ग्रहण की घटना तब घटित होती है जब सूर्य की परिक्रमा के दौरान पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच में आ जाती है। चंद्र ग्रहण हमेशा ही पूर्णिमा की तिथि पर लगता है। जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है तो पृथ्वी की छाया चंद्रमा के ऊपर पड़ने लगती है। इस स्थिति में चंद्रमा का छाया वाले हिस्से में अंधेरा छा जाता है। ऐसे में जब हम पृथ्वी से चांद को देखते हैं तो वह हमेश काला दिखाई देने लगता है। इस घटना को ही चंद्र ग्रहण कहा जाता है। चंद्र ग्रहण तीन तरह का होता है। पूर्ण चंद्र ग्रहण, आंशिक चंद्र ग्रहण और उपच्छाया चंद्र ग्रहण।

जब सूर्य और चंद्रमा के बीच में पृथ्वी आ जाती है तब पृथ्वी की छाया से पूरा चांद ढक जाता है तो तब पूर्ण चंद्र ग्रहण होता है। पूर्ण चंद्र ग्रहण के दौरान चंद्रमा का रंग लाल दिखाई देने लगता है। आंशिक चंद्र ग्रहण की घटना तब होती है जब चंद्रमा के कुछ हिस्से में पृथ्वी की छाया पड़ती है और कुछ हिस्सा दिखाई देता है तो इसे आंशिक चंद्र ग्रहण कहते हैं।

चंद्र ग्रहण तीन तरह का होता है पहला पूर्ण चंद्र ग्रहण, दूसरा आंशिक चंद्र ग्रहण और तीसरा पेनुमब्रल चंद्र ग्रहण। खगोल शास्त्र के अनुसार जब भी चंद्र ग्रहण लगता है तो ग्रहण लगने से पहले चंद्रमा पृथ्वी की उपछाया में प्रवेश करता है। इसे अग्रेंजी भाषा में पेनुमब्र कहते हैं। यह न तो पूर्ण चंद्र ग्रहण होता है और न ही आंशिक चंद्र ग्रहण बल्कि इसमें चंद्रमा की छाया न पड़कर एक उपछाया पड़ती है। जिसमें चांद पर एक धुंधली सी परछाई नजर आती है। पेनुमब्रल चंद्र ग्रहण की घटना के दौरान चांद के आकार में किसी भी तरह का कोई परिवर्तन देखने को नहीं मिलता है। पेनुमब्रल चंद्र ग्रहण के दौरान चंद्रमा पूरी तरह से आम दिनों की तरह ही दिखाई देता है लेकिन चांद का रंग हल्का सा मटमैला रंग सा दिखाई पड़ता है। इसे पेनुमब्रल चंद्र ग्रहण या उपच्छाया चंद्र ग्रहण कहते हैं।

साल का पहला चंद्र ग्रहण भारतीय समय के अनुसार 5 मई को रात 8 बजकर 44 मिनट से शुरू हो जाएगा। जो आधी रात को 1 बजकर 1 मिनट तक चलेगा। ग्रहण का उच्चतम काल रात 10 बजकर 52 मिनट पर होगा।

धार्मिक नजरिए से जब भी उपच्छाया चंद्रग्रहण लगता है तो इसको ग्रहण की श्रेणी में नहीं रखा जाता है ऐसे में इस चंद्र ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा। आपको बता दें कि सूर्य ग्रहण के होने पर ग्रहण शुरू होने से 12 घंटे पहले सूतक काल आरंभ हो जाता है जबकि चंद्र ग्रहण होने पर 9 घंटे पहले सूतक शुरू हो जाता है। सूतक काल में किसी भी तरह का शुभ काम और पूजा-पाठ नहीं किया जाता है। सूतक की समाप्ति के बाद ही सभी तरह के धार्मिक कार्य दोबारा से शुरू होते हैं।

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