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पुत्र जन्म में भी मिलेगी ‘महालक्ष्मी’ किट

लिंग-भेद पर सीएम धामी का कड़ा प्रहार

दस्तक ब्यूरो, देहरादून

देवभूमि उत्तराखंड में जन्म लेने वाली बेटी को महालक्ष्मी का रूप माना जाता है। सदियों से यहां बेटियों को देवी का दर्जा दिया जाता रहा है, लेकिन यह भूमि देवों की भी रही है। भगवान शिव, विष्णु, गणेश, देवराज इंद्र का भी यहां से विशेष स्नेह रहा है। यही कारण है कि यहां जन्मी पुत्री ही नहीं, बल्कि पुत्र में भी देवता का अंश माना जा सकता है। पुत्री महालक्ष्मी का रूप है तो पुत्र को भी नारायण का रूप माना जा सकता है। इसी सोच के साथ उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऐतिहासिक निर्णय लिया है। सीएम धामी प्रदेश की बेटी प्रोत्साहन से जुड़ी सबसे लोकप्रिय महालक्ष्मी योजना में पुत्री जन्म के साथ ही अब पुत्र जन्म को भी शामिल करने जा रहे हैं। यानी पुत्री की तरह ही पुत्र के जन्म पर भी मां को महालक्ष्मी किट दी जाएगी, जिसमें नवजात शिशु के पोषण, रहन-सहन से जुड़े कई आवश्यक सामग्री होगी। सीएम धामी का मानना है कि देवभूमि में जन्मा बेटी हो या बेटा, उस पर देवों की विशेष कृपा होती है। यहां जन्म लेना सौभाग्य की बात है। यहां का बेटा भी प्रदेश की तरक्की व राष्ट्र निर्माण में अग्रणी योगदान देता है तो उसे कैसे नजरंदाज किया जा सकता है। वहीं, सीएम धामी के इस निर्णय को लिंग भेद की मानसिकता को खत्म करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम माना जा सकता है। उन्होंने पुरुष-महिला में समानता को प्रोत्साहन दिया है।

दरअसल, महालक्ष्मी योजना के अंतर्गत राज्य में आंगनबाड़ी केन्द्रों में पंजीकृत गर्भवती महिलाएं जब बेटी को जन्म देती हैं तो उन्हें महालक्ष्मी किट प्रदान की जाती है। इसमें नवजात शिशु के पोषण, रहन-सहन से जुड़े कई आवश्यक सामग्री होती है। कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य के अनुसार, यह मांग लगातार उठ रही थी कि बेटी अथवा बेटा, दोनों के जन्म पर महालक्ष्मी किट दी जाए। उन्होंने कैबिनेट का आभार जताते हुए कहा कि योजना को जेंडर आधारित न करते हुए महिला के प्रथम दो प्रसव पर यह किट देने का प्रस्ताव पारित हुआ है। ऐसे में जो लैंगिक समानता है, वह यहां पर दिखती है। उन्होंने कहा कि अब बेटों के जन्म पर भी अधिक से अधिक महालक्ष्मियां यह किट प्राप्त कर सकेंगी।

13 लाख राशनकार्डधारकों को मिलेगा नमक

धामी सरकार ने प्रदेश में 13 लाख से अधिक राशनकार्डधारकों को सस्ता नमक देने का वायदा पूरा किया है। निर्धन परिवारों को प्रति राशनकार्ड एक किलो नमक आठ रुपये की दर से मिलेगा। खाद्य मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि मंत्रिमंडल ने यह निर्णय लेकर सरकार के ध्येय वाक्य ‘जो कहा वह किया’ को पूरा किया है। प्रदेश में कुल 23.80 लाख राशनकार्डधारक हैं। इनमें से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत अंत्योदय एवं प्राथमिक परिवारों के 13 लाख से अधिक राशनकार्ड हैं। खाद्य मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि इन सभी राशनकार्डधारकों को महंगाई में राहत देने को मंत्रिमंडल ने महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि निर्धन परिवारों की मौलिक आवश्यकताएं पूरा करने के लिए खाद्य विभाग गेहूं, चावल, दाल उपलब्ध करा रहा है। उनकी मौलिक आवश्यकता की पूर्ति के लिए सरकार नमक भी उपलब्ध कराएगी। यह नमक आयोडीनयुक्त होगा। इससे हम रक्ताल्पता को मात देने में सक्षम होंगे।

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