नई दिल्ली: गाजीपुर फूलमंडी और सीमापुरी के मकान में आईईडी मिलने के मामले में इलाके के सिम प्रोवाइडर कुछ दुकानदारों से पूछताछ की गई। सूत्रों के अनुसार कुछ ऐसे सिम हैं, जिन्हें फेक आईडी प्रूफ पर एक्टिवेट कराया गया है। इनमें कुछ सिमकार्ड ऐसे भी हैं, जिन पर वॉट्सऐप एक्टिवेट करने के बाद इनको अस्थाई रूप से बंद करवा दिया गया था। जबकि, इन सिमकार्ड पर वाईफाई के जरिए वॉट्सऐप मेसेज और कॉलिंग चलती रही। अभी यह साफ नहीं हो सका है कि एक्टिवेट कराए गए सिम उन्हीं संदिग्धों के पास हैं या किसी अन्य गतिविधि में शामिल हैं। दूसरी तरफ दिल्ली पुलिस को हाथ लगे अहम सुरागों के सिलसिले में यूपी पुलिस के साथ इनपुट साझा किए गए हैं। रेडार पर सीमापुरी से फरार चार संदिग्ध हैं। साजिश के सुराग यूपी के सीमावर्ती इलाके और बिहार में तलाशे जा रहे हैं। पहले गाजीपुर मंडी, फिर उसके करीब एक महीने बाद सीमापुरी में मिला विस्फोटक बेहद ताकतवर था।
आरडीएक्स समेत जिस मैटीरियल का इस्तेमाल किया जा रहा था, उससे साफ है कि शक्तिशाली विस्फोटक बनाने की ट्रेनिंग सीमा पार हुई है। यह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की साजिश का हिस्सा है, जिसमें लोकल मॉड्यूल को तैयार किया गया। स्पेशल सेल और सुरक्षा एजेंसियां इन संदिग्धों को लोकल सपोर्ट देने वाले लोगों की पहचान में जुटी हुई हैं। गाजीपुर और सीमापुरी में विस्फोटक की साजिश का सूत्रधार एक ही है, यह पुख्ता सुराग काले रंग की उस स्प्लेंडर बाइक से मिला है, जिसे सुरक्षा एजेंसियों ने दिलशाद गार्डन की मेट्रो पार्किंग से बरामद किया। इस बाइक का इस्तेमाल पिछले महीने गाजीपुर में आईईडी रखने के दौरान किया गया था। गाजीपुर फूल मंडी के गेट नंबर-1 के बाहर 14 जनवरी को बैग में मिले आईईडी की जांच करते हुए पुलिस ने आसपास लगे सैकड़ों सीसीटीवी कैमरों की जांच की थी। उसी में काले रंग की एक बाइक की पहचान की गई थी। उस बाइक पर दो युवक बैग लेकर जाते दिख रहे थे। बाइक के अगले मडगार्ड पर रेड कलर की पट्टी लगी थी। इस बाइक की जांच करते हुए स्पेशल सेल की टीम कैमरों को खंगालते हुए पिछले हफ्ते दिलशाद गार्डन मेट्रो स्टेशन की पार्किंग में जा पहुंची।
इसके बाद सुरक्षा एजेंसियों की टीमें एक हफ्ते तक डोर टु डोर ऐसे संदिग्धों के ठिकाने का पता लगाने में जुट गईं, जिन्होंने कमरा किराए पर लिया, मगर वेरिफिकेशन नहीं कराया। जिसके बाद सीमापुरी के उस मकान में निगाह टिक गई, जहां से विस्फोटक बरामद हुआ, लेकिन उससे पहले ही संदिग्ध वहां से भाग निकले। जबकि पुलिस सादे कपड़ों में आसपास डेरा डाले रही। सूत्रों का कहना है कि संदिग्धों की बाइक करीब तीन हफ्ते से पार्किंग में खड़ी थी।