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‘सरकारी जमीन पर बने मदरसों को ध्वस्त करने में कोई दिक्कत नहीं’, सर्वे पर बोले मौलाना अरशद मदनी

नयी दिल्ली: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में फ़िलहाल मदरसा सर्वे (Madarsa Sarve) चल रहा है। योगी सरकार की तरफ से चल रहे इस सर्वे को लेकर देवबंद के उलेमा मौलाना अरशद मदनी (Maulana Arshad Madani) ने बड़ा बयान दिया है। मदनी ने कहा कि, राज्य सरकार जिन सवालों को लेकर मदरसों का सर्वे करा रही है, उसमें कोई दिक्कत वाली बात नहीं। इसलिए इस पुरे मामले को ठीक से समझे बिना सरकार द्वारा किए जा रहे सर्वे का विरोध करना सही नहीं है।

मदनी (Maulana Arshad Madani) रविवार को देवबंद में आयोजित मदरसा सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने मदरसे सर्वे को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि, सरकारी जमीन पर बने मदरसे सही नहीं है। इस सर्वे के जरिए किसी समुदाय विशेष को टार्गेट नहीं किया जा रहा है। देवबंद में आयोजित मदरसा सम्मेलन में दारुल उलूम देवबंद के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी और जमीयत उलेमा ए हिन्द के प्रमुख अरशद मदनी मौजूद रहे। अरशद मदनी ने असम में मदरसों पर हो रही कार्रवाई पर अपनी राय देते हुए कहा, ‘यदि मदरसा सरकारी जमीन या पंचायत या दान की जमीन पर बनाए गए है। वहीं, इसके सही कागज नहीं हैं तो उसके खिलाफ कार्रवाई करना कोई गलत बात नहीं है। लेकिन, कोई भी एक्शन लेने से पहले कम से कम 15 दिन का नोटिस दिया जाना चाहिए।’

उन्होंने आगे कहा कि, ‘हम मस्जिद के लिए सरकार से मदद नहीं लेते। उसी तरह से मदरसे के लिए भी हमें सरकार की मदद नहीं चाहिए। मदरसा हमारी मजहबी जरूरत को पूरी करने के लिए है।’ इस दौरान मदनी ने सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि, ‘यदि किसी जरूरतमंद व्यक्ति को वह अपने घर में शरण देते है और अगले दिन एटीएस उसे दहशतगर्द बताकर लेकर जाते है,इसमें उनका क्या दोष।’

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