नई दिल्ली : एक सप्ताह के विलंब के बाद मॉनसून के गुरुवार को केरल में दस्तक देने के आसार हैं। मौसम विभाग ने कहा कि अरब सागर एवं बंगाल की खाड़ी में मॉनसून के आगे बढ़ने के अनुकूल स्थितियां बनी हुई हैं। बता दें कि केरल में मॉनसून के पहुंचने की सामान्य तिथि एक जून है, जिसमें इस बार भारी विलंब हो चुका है।
मौसम विभाग ने गुरुवार को जारी बयान में कहा कि अगले 48 घंटों के दौरान मॉनसून केरल में प्रवेश कर सकता है। दरअसल, बंगाल की खाड़ी में सक्रिय मॉनसून दो जून के बाद एकदम ठहर गया था। लेकिन सात जून को इसमें थोड़ी प्रगति दिखी है तथा मॉनसून ने श्रीलंका का आधा हिस्सा तथा लक्षदीप पार कर लिया है। विभाग ने कहा कि अरब सागर में पश्चिमी हवाएं सैट हो रही हैं जिससे मॉनसून की गति पकड़ने की संभावना है। विभाग ने कहा कि मॉनसून दक्षिणी अरब सागर और बंगाल की खाड़ी के शेष हिस्सों को भी कवर कर लेगा।
पिछले कुछ सालों के दौरान मॉनसून की चाल बिगड़ी हुई है जिसे जलवायु प्रभाव के रूप में देखा जा रहा है। कभी यह जल्दी आ जाता है तो कभी देरी से। 2019 में केरल में मॉनसून ने 8 जून को दस्तक दी थी, वैसे ही हालात इस बार भी बनते दिख रहे हैं। 2022 तथा 2018 में मॉनसून समय से पूर्व 29 मई को केरल पहुंचा था। जबकि 2020 में एक जून तथा 2021 में तीन जून को पहुंचा था।
आपको बता दें कि भारत में 52 फीसदी कृषि भूमि वर्षा सिंचित है, इसलिए मॉनसून के आगमन में विलंब का खेती पर असर पड़ सकता है। इसके अलावा मॉनसून गर्मी से भी राहत प्रदान करता है मौसम विभाग ने इस बीच कहा है कि बिहार, झारखंड, पश्चिमी बंगाल एवं तेलंगाना में अगले चार-पांच दिनों तक उष्ण लहर का प्रकोप जारी रहेगा। इसके बाद बारिश होने की संभावना है, जिससे राहत मिलने के आसार हैं। जबकि उत्तर-पश्चिमी भारत में कुछ स्थानों में आंधी तूफान एवं गरज के साथ छीटें पड़ने की संभावना व्यक्त की है।