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आज हो रहा है मिनी चुनाव, 13 राज्यों में 29 सीटों पर उपचुनाव

नई दिल्ली: 30 अक्टूबर को देश के 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में महत्वपूर्ण उपचुनाव होने जा रहे हैं. इस उपचुनाव में देशभर में विधान सभा की 29 सीटों के साथ-साथ लोकसभा की 3 सीटों के लिए भी मतदान होने जा रहा है. नागालैंड के शामटोर चेस्सोरे विधान सभा सीट (जिस पर उपचुनाव होना था) पर पहले ही एकमात्र उम्मीदवार होने के कारण केओशू यिमचुंगर को निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया जा चुका है. इस उपचुनाव को भारत का मिनी चुनाव भी कहा जा सकता है, क्योंकि उपचुनाव वाले राज्यों की भौगोलिक स्थिति के आधार पर देखा जाए तो यह उपचुनाव भारत के सभी हिस्सों उत्तर, दक्षिण, पूर्व, पश्चिम, मध्य और पूर्वोत्तर के राज्यों में हो रहे हैं. जाहिर है कि भारत के सभी हिस्सों में होने जा रहे इन उपचुनावों को देश की जनता का मूड भांपने के लिहाज से काफी अहम माना जा रहा है.

उपचुनाव वाली इन सभी सीटों पर 2 नवंबर को मतगणना होगी. 2 नवंबर को जो जनादेश आएगा. जाहिर तौर पर उसका असर अगले साल होने जा रहे 5 राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर के विधान सभा चुनाव पर तो पड़ेगा ही. साथ ही इन चुनावी नतीजों का असर कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों के भविष्य पर भी पड़ना तय माना जा रहा है. चुनाव आयोग द्वारा घोषित कार्यक्रम के अनुसार 30 अक्टूबर को असम की 5, पश्चिम बंगाल की 4, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश और मेघालय की 3-3, बिहार, कर्नाटक और राजस्थान की 2-2 विधान सभा सीटों के अलावा आंध्र प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र, मिजोरम और तेलंगाना की 1-1 विधान सभा सीट पर भी उपचुनाव होने जा रहा है. इन 29 विधानसभा सीटों के साथ ही शनिवार को मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और दादरा और नागर हवेली की 1-1 लोकसभा सीट पर भी उपचुनाव होने जा रहा है.

भाजपा जहां इस उपचुनाव के जरिए एक बार फिर से यह साबित करना चाहती है कि वो अभी भी देश में सबसे ज्यादा लोकप्रिय राजनीतिक दल है और एनडीए गठबंधन को चुनाव में हराना आसान नहीं है. दूसरी ओर कांग्रेस की कोशिश अपनी खोई जमीन को फिर से हासिल करना है, जबकि ममता बनर्जी, लालू यादव और जगन मोहन रेड्डी जैसे क्षेत्रीय क्षत्रप जीत हासिल कर यह साबित करना चाहते हैं कि राज्य में उन्हे हराना आसान नहीं है.

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