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दो वर्षों में पाकिस्तान में मारे गए 12 से अधिक आतंकी, भारत की मोस्‍ट वॉन्टेड लिस्‍ट में थे शामिल

इस्लामाबाद : पिछले दो वर्षों में पाकिस्तान के विभिन्न हिस्सों में एक दर्जन से अधिक आतंकवादी (Terrorist) मारे गए। लगभग ये सभी आतंकवादी भारत (India) की मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल थे। ये सभी रहस्यमय तरीके से मारे गए हैं। इसके बावजूद पाकिस्तान और उसके द्वारा पाले गए प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन इन हत्याओं के बारे में चुप हैं। बता दें कि मारे गए आतंकवादी कमांडर लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी), हिजबुल मुजाहिदीन (एचयूएम), अलगाववादी खालिस्तान आंदोलन और जैश-ए-मुहम्मद (जेईएम) से जुड़े थे। नवंबर की ही बात करें तो अब तक लश्कर और जेईएम के तीन टॉप आतंकवादियों को मार गिराया गया है। उनमें मौलाना मसूद अजहर का करीबी सहयोगी और लश्कर का मुख्य आतंकी भी शामिल है।

हत्याओं का यह सिलसिला 2021 में लाहौर में लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक और 2008 के मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद की हत्या के असफल प्रयास के तुरंत बाद शुरू हुआ। ये सभी हत्याएं एक ही पैटर्न पर की गई हैं। प्रत्येक हत्या में मोटरसाइकिल पर सवार अज्ञात हथियारबंद अपराधी गोलियों से छलनी कर रहे हैं। इन आतंकवादियों की हत्या की जांच में शामिल एक पाकिस्तानी अधिकारी का मानना है कि आपसी लड़ाई के वजह से ये मारे जा रहे हैं। सबसे दिलचस्प बात यह है कि पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ-साथ मीडिया भी चुप है।

हाफिज सईद के लाहौर स्थित आवास के बाहर बमबारी के बाद 2021 में पाकिस्तान के तत्कालीन आंतरिक मंत्री राणा सनाउल्लाह की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद पाकिस्तान ने लश्कर, जेईएम, एचयूएम और खालिस्तान अलगाववादी आंदोलन से जुड़े आतंकवादियों की रहस्यमय हत्याओं को नजरअंदाज कर दिया। पाकिस्तान ने भारत में वांटेंड आतंकवादियों की पहचान छिपाने की भी कोशिश नहीं की है।

पाकिस्तानी खुफिया सूत्रों के अनुसार, भारत ने पिछले कुछ वर्षों में इस्लामाबाद के साथ कई आतंकवादियों के नाम और ठिकाने साझा किए हैं। इनमें से कई लोगों को अज्ञात हमलावरों ने गोली मार दी है। इन आतंकवादियों की हत्या को स्वीकार करने में इस्लामाबाद की अनिच्छा के बीच वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) का दबाव शामिल हो सकता है।

मारे गए किसी भी आतंकवादी की पहचान पाकिस्तान की सरकार या मीडिया द्वारा आतंकवादी के रूप में नहीं की गई है। जैश-ए-मोहम्मद नेता और मौलाना मसूद अजहर के करीबी सहयोगी मौलाना रहीम उल्लाह तारिक की 13 नवंबर को कराची में अज्ञात लोगों द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस घटना को एक स्थानीय मौलवी की हत्या के रूप में बताया गया है।

पूर्व लश्कर आतंकवादी अकरम खान उर्फ अकरम गाजी की 9 नवंबर को खैबर पख्तूनख्वा के बाजौर आदिवासी जिले में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पाकिस्तानी मीडिया ने उसे मुअज़्ज़िन करार दिया। इसका मतलब होता है कि दैनिक नमाज के लिए आह्वान करना।

5 नवंबर को ख्वाजा शाहिद का कथित तौर पर अपहरण कर लिया गया। बाद में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पास सिर कलम कर दिया गया। सूत्रों के अनुसार, शाहिद लश्कर-ए-तैयबा का एक प्रमुख आतंकी था। सुंजुवान में भारतीय सेना शिविर पर 2018 के आतंकवादी हमले के मास्टरमाइंड में से एक था।

जैश-ए-मोहम्मद के पूर्व सदस्य और कथित तौर पर 2016 के पठानकोट हमले के मास्टरमाइंड शाहिद लतीफ की अक्टूबर में पाकिस्तान पंजाब के सियालकोट में मोटरसाइकिल सवार तीन अज्ञात लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। उस हमले में लतीफ का एक सहयोगी भी मारा गया और एक अन्य सहयोगी घायल हो गया।

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