बिहारराज्य

बिहार : तीन करोड़ के ‘रथ’ से होगी मुकेश सहनी की ‘निषाद आरक्षण संकल्प यात्रा’

पटना : विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के संस्थापक और बिहार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी की फूलन देवी की शहादत दिवस से शुरू होकर सौ दिनों तक चलने वाली निषाद आरक्षण संकल्प यात्रा चर्चाओं में है। यात्रा में उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के करीब 80 जिलों से होकर गुजरने वाले मुकेश सहनी के आलीशान रथ पर भी खूब बातें हो रही हैं।

दरअसल, सहनी के इस रथ को खास तरीके से बनाया गया है। पार्टी के नेताओं का कहना है कि इस रथ को बनाने में तीन करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत आई है। बताया जाता है कि इस रथ को बनाने में कारीगरों को दो महीने से ज्यादा का वक्त लगा। इस रथ को पूरी तरह अत्याधुनिक सुविधा से लैस किया गया है। अंदर की सजावट किसी राजा-महाराजा के दरबार का एहसास कराती नजर आती है।

बताया जाता है कि सहनी की यह रथ इतनी आलीशान व लग्जीरियस है कि अच्छे-अच्छे सुपर स्टार्स की वैनिटी वैन भी उसके सामने कमतर है। बस के अंदर राजशाही ठाठ वाले फर्नीचर, लाइटिंग, पेंटिंग इत्यादि हैं। बस के अंदर के हिस्से को तीन भागों में बांटा गया है। अंदर एक मीटिंग रूम भी बनाया गया है, जिसमें सात लोगों के बैठने के लिए राजशाही कुर्सी और सोफा लगाया गया है।

बस में ही बेडरूम और लग्जीरियस बाथरूम भी बनाया गया है। मनोरंजन के लिए टीवी की भी व्यवस्था की गई है। बस के अपर फ्लोर में भगवान कृष्ण की पेंटिंग्स भी लाइट के साथ लगाई गई है। बस के बाहर मुकेश सहनी की तस्वीर के साथ ही एक टैगलाइन लिखा गया है कि “बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश में निषादों ने ललकारा है, आरक्षण नहीं तो गठबंधन नहीं, गठबंधन नहीं तो वोट नहीं।”

इसके साथ ही बेहतरीन फ्रेम में शहीद जुब्बा सहनी और फूलन देवी की तस्वीर भी बाहर लगाई गई है। बस के इंटीरियर में दो रंगों का उपयोग किया गया है। अंदर के हिस्से को गोल्डन और लाल रंग से सजाया गया है। बस के प्रवेश द्वार में सीढ़ियों को भी काफी चमकदार बनाया गया है। पार्टी की ओर से दावा किया गया है कि मुंबई के कारीगरों ने लगभग दो महीने की मेहनत के बाद मर्सिडीज बेंज बस को कस्टमाइज कर मुकेश सहनी के लिए विशेष तौर पर तैयार किया है।

उल्लेखनीय है कि सहनी की पार्टी फिलहाल किसी गठबंधन में शामिल नहीं है। उन्होंने दोनों गठबंधनों से दूरी बना रखी है। वैसे, माना जा रहा है कि एनडीए की बैठक में वीआईपी को आमंत्रित नहीं किए जाने से सहनी ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है और इस यात्रा पर निकले हैं।

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