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मुस्लिम ब्रदरहुड ने भारत की छवि बिगाड़ने के लिए चलाया बायकॉट कैंपेन, रिपोर्ट में दावा

नई दिल्ली: मुस्लिम ब्रदरहुड नाम के अंतरराष्ट्रीय इस्लामी संगठन ने भारत की छवि खराब करने के लिए पिछले साल सितंबर में बहिष्कार अभियान चलाया था। मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि इस अभियान का मकसद देश की प्रमुख हस्तियों को बदनाम करना था। घरेलू तत्वों की मिलीभगत से शुरू किए गए इस भारत विरोधी अभियान ने देश की अहिंसक छवि को ‘कट्टरपंथी कथन’ से बदलने की कोशिश की।

रिपोर्टों के अनुसार, इस कैंपेन में बहिष्कार, डिसइंवेस्टमेंट जैसी तरकीबें अपनाई गईं, जिनका देश में विवाद खड़ा करना था। पिछले कुछ वर्षों में भारत विरोधी कुछ कहानियां गड़ी गई हैं। ये सब इस कॉन्फ्लिक्ट इंडस्ट्री का हिस्सा बनीं, जो अरबों डॉलर में चलती है। इस कैंपेन को तुर्की और पाकिस्तान का समर्थन हासिल था। मुस्लिम ब्रदरहुड का यह कैंपेन कतर-तुर्की-पाकिस्तान के नए उभरते हुए गठजोड़ के जरिए शुरू हुआ। इसका लक्ष्य कश्मीर के नैरेटिव से भारत को टारगेट करना था।

कैंपेन में शामिल मुखर चेहरों का संघर्ष से लेना-देना नहीं
इस तरह की इंडस्ट्री की प्रमुख विशेषता यह है कि इसमें विभिन्न राज्य और धर्म या जातियां शामिल होती हैं। एक और अहम विशेषता यह है कि ज्यादातर मुखर चेहरों और संगठनों का आमतौर पर संघर्ष से कोई लेना-देना नहीं होता, उनके पास कोई प्रत्यक्ष अनुभव नहीं होता, फिर भी वे सबसे ज्यादा शोर-शराबा करने वाले होते हैं।

कश्मीर का मुद्दा कॉन्फ्लिक्ट इंडस्ट्री के लिए नया नहीं
एक्सपर्ट्स का कहना है कि कश्मीर का मुद्दा कॉन्फ्लिक्ट इंडस्ट्री के लिए नया नहीं है। पिछली रिपोर्टों से पता चला है कि कैसे ‘कार्यकर्ताओं’, ‘गैर सरकारी संगठनों’ और ‘मानवीय राहत’ संगठनों की ओर से कश्मीर के नाम पर सैकड़ों चंदा जुटाए जा रहे हैं।

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