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किडनी रोगियों के लिए आयुर्वेद का नया फॉर्मूला, जड़ी बूटी से लौटेगी जीवन की ब्यूटी

इंसान अगर फिजिकली और मेंटली फिट हो तो वह हर काम पूरी एकाग्रता से कर सकता है। बीमारी एक ऐसी रुकावट है जो अच्छे-अच्छों का मनोबल और शारीरिक बल गिरा देती है। इसीलिए स्वस्थ रहने के लिए लोग पर्फेक्ट डाइट के साथ-साथ अन्य चीजों का खास तौर पर ध्यान देते हैं। अगर बात करें किडनी रोगियों की तो उन्हे अनेकों समस्याओं से जूझना पड़ता है। अब एक ऐसी जड़ी बूटी है जो किडनी रोगियों के लिए रामबाण साबित हो सकती है।

अगर आप दावा करते-करते थक गए हैं और कोई असर नहीं हो रहा है तो अपनी किडनी की समस्या को सुधारने के लिए आप इस जड़ी बूटी का इस्तेमाल कर स्वकते हैं। यह एक आयुर्वेद का ऐसा फार्मूला है जो काफी कारगर है। ‘नेशनल किडनी फाउंडेशन एंड द एकेडमी ऑफ न्यूट्रीशियन डाइटिक्स’ ने किडनी के मरीजों के लिए ‘मेडिकल न्यूट्रीशियन थैरेपी’ की सिफारिश की है। फाउंडेशन का कहना है कि यदि किडनी के रोगियों को हर्बल पदार्थों से परिपूर्ण और बेहतर आहार मिले तो बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है। हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक हाल ही में ‘अमेरिकन जर्नल ऑफ फार्मास्युटिकल रिसर्च’ में एक भारतीय आयुर्वेदिक फार्मूले ‘नीरी केएफटी’ को किडनी के उपचार में उपयुक्त पाया गया है।

जानकारी के मुताबिक ‘नीरी केएफटी’ रक्त में सीरम क्रिएटिनिन, यूरिक एसिड तथा इलेक्ट्रोलेट्स के स्तर में सुधार करता है। इसलिए आजकल किडनी के रोगियों द्वारा बड़े पैमाने पर इसे टॉनिक के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। नीरी केएफटी को ‘एमिल फार्मास्युटिकल’ द्वारा तैयार किया गया है। इसमें पुनर्नवा नामक एक ऐसी बूटी है जो किडनी की क्षतिग्रस्त कोशिकाओं को भी ठीक करती है। शिकागो स्थित ‘लोयोला यूनिवर्सिटी’ के अध्ययनकर्ता डॉ. होली क्रमेर ने कहा कि ज्यादातर मरीजों को पता नहीं होता कि बीमारियों को नियंत्रित रखने में भोजन की क्या भूमिका है इसलिए अब आहार को गुर्दे की बीमारी के उपचार का हिस्सा बनाया जा रहा है।

आयुर्वेद के इस उपाए से हार्ड दावा खाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी और किडनी रोगियों की परेशानियाँ भी दूर हो जाएंगी।

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