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NIA की रिपोर्ट में खुलासा : अलगाववादी नेताओं के संबंध लश्कर से, गिलानी खानदान के पास करोड़ो की संपत्ति

नई दिल्‍ली: हुर्रियत नेता मीरवाइज़ ऊमर फ़ारूक़ का राजनीतिक सलाहकार है शाहिद उल इस्लाम। एक तस्‍वीर सामने आई है जिसमें शाहिद हिज़्बुल मुजाहिदीन के सुप्रीम कमांडर सैयद सलाहुद्दीन के साथ खड़ा है। शाहिद को सलाहुद्दीन के सबसे क़रीबी लोगों में एक माना जाता है। वही शाहिद उल इस्लाम आजकल एनआईए की गिरफ़्त में है। एनआईए की मानें तो हुर्रियत के नरमपंथी धड़े के इस नेता के घर से उन्हें घाटी में सक्रिय आतंकियों की लिस्ट भी मिली है और लश्कर की चिट्ठियां भी, जिसमें ये दर्ज है कि… रिमांड पर लिए गए सात अलगाववादी नेताओं की रिमांड का शुक्रवार को आखिरी दिन है। एनआईए ने संगठन के प्रमुख सैयद अली शाह गिलानी और उनके परिजनों की करोड़ों की संपत्तियों को चिह्नित किया है। गिलानी और उनके परिवार की संपत्ति की बाजार कीमत करोड़ों रुपये आंकी जा रही है। हिरासत में लिए गए अलगाववादी नेताओं ने दिल्‍ली से लेकर दुबई तक संपत्ति बनाई हुई है। एनआईए इन संपत्तियों को हवाला और बेनामी संपत्ति मामले में जांच की जा रही है।

इन संपत्तियों में शैक्षणिक संस्थान, आवासीय इमारतें, कश्मीर में खेती की जमीन और दिल्ली स्थिति फ्लैट शामिल हैं। ये संपत्तियां कथित तौर पर गिलानी, उनके दो बेटों नसीम और नईम, बेटी अनीशा, फरहत, जमशिदा, चमशिदा के नाम हैं। अनीशा और फरहत गिलानी की दूसरी पत्नी की बेटियां हैं। इन संपत्तियां की लिस्‍ट में सबसे महत्‍वपूर्ण जम्‍मू-कश्‍मीर के बारामुला के सोपोर में स्थित यूनिक पब्लिक स्कूल है। सात एकड़ जमीन पर फैले इस स्कूल की बाजार कीमत अरबों में आंकी जा रही है। एनआईए को जांच में यह भी पता चला है कि स्कूल के लिए जमीन 2001 में गिलानी के संगठन तहरीक-ए-हुर्रियत को दान की गई थी। साल 2006 में 5.3 एकड़ जमीन सीधे गिलानी को और साल 2017 में 1.7 एकड़ गिलानी के बेटे नसीम को स्कूल के प्रिंसिपल जीएम भट्ट द्वारा दी गई। भट्ट स्कूल चलाने वाले मिल्ली ट्रस्ट के आजीवन संरक्षक हैं। एनआईए ने भट्ट से भी पूछताछ की है. सवाल यह कि गिलानी के पास इतनी प्रापर्टी कहां से आई?

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