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CM योगी के फरमान के बाद श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर के लाउडस्पीकर किए गए बंद, 602 मंदिरों और 265 मस्जिदों को नोटिस

मथुरा (उत्तर प्रदेश). उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के धार्मिक स्थलों (religious places) पर लाउडस्पीकर (Loudspeaker) के इस्तेमाल पर दिए गए फरमान का असर दिखना शुरू हो गया है। मथुरा (Mathura) स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट (Shri Krishna Janmabhoomi Trust) ने बुधवार को मंदिर परिसर में स्थित भागवत भवन की छत पर लगे लाउडस्पीकरों को बंद कर दिया है। वहीं, गौतमबुद्ध नगर (Gautam Budh Nagar) में प्रशासन ने लाउडस्पीकर का इस्तेमाल करने वाले मंदिरों (Temples) और मस्जिदों (mosques) को नोटिस जारी किया है।

श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट एवं श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा (Kapil Sharma) ने बताया कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर के गुंबद पर लगे लाउडस्पीकर को बुधवार से बंद कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि मंदिर में भोर की मंगला आरती से लेकर रात की शयन आरती तक, तथा अन्य आयोजनों/अनुष्ठानों पर लाउडस्पीकर बजता था और उसकी आवाज परिसर के बाहर भी सुनाई देती थी। इसके साथ ही श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर परिसर के भीतर बजने वाले भजनों की आवाज भी धीमी कर दी गई है ताकि आवाज़ परिसर के बाहर न जाए। शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आह्वान पर ऐसा किया गया है।

उधर, गौतमबुद्ध नगर में प्रशासन द्वारा लाउडस्पीकर का इस्तेमाल करने वाले 602 मंदिरों और 265 मस्जिदों को नोटिस जारी किया है। इस संबंध में गौतमबुद्धनगर के एडीसीपी अंकिता शर्मा ने कहा, कि सरकार ने लाउडस्पीकरों के संबंध में निर्देश जारी किए हैं। हमने सभी धार्मिक स्थलों, मैरिज होम और डीजे संचालकों को सूचित किया है कि अगर वॉल्यूम सुप्रीम कोर्ट के निर्देश से अधिक पाया गया तो कार्रवाई की जाएगी।”

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ने सोमवार को कहा था कि सभी को अपनी धार्मिक विचारधारा के अनुसार उपासना पद्धति को मानने की स्वतंत्रता है। उन्होंने कहा था कि माइक का उपयोग किया जा सकता है, लेकिन सुनिश्चित करें कि उसकी आवाज परिसर से बाहर न आए और इससे अन्य लोगों को परेशानी ना हो।

रामनवमी और हनुमान जयंती के दिन कई जगहों पर साम्प्रदायिक तनाव और हिंसा की घटनाओं की पृष्ठभूमि में योगी ने सोमवार को कहा था कि शोभायात्रा/धार्मिक जुलूस विधिवत अनुमति के बगैर ना निकाल जाएं और अनुमति देने से पहले आयोजक से शांति-सौहार्द कायम रखने के संबंध में शपथ पत्र लिया जाए।

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